महराजगंज। लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन व्रतधारी महिलाओं ने ठूठीबारी सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रो की नदी-घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। छठ वेदियों की विधि-विधान से पूजा कर दीप जलाकर मंगल कामना कीं। ठूठीबारी सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रो में नदी घाटों बड़ी संख्या में दउरी में प्रसाद सामग्री रखकर पूजन के लिए आस्था का सैलाब दिखा। देर शाम तक यहां पर छठ गीतों के गूंजने से माहौल भक्तिमय हो उठा।
तीन बजे के बाद से ही श्रद्धालुओं का जत्था छठ घाटों की ओर कूच कर गया था। परिवार के पुरुष सदस्य कंधे और सिर पर पूजा सामानों से भरी दउरी व ईख लेकर आगे-आगे चल रहे थे तो छठ के गीत गुनगुनाती महिलाओं की टोली उनके पीछे थी। कस्बा सहित अन्य विभिन्न इलाकों से अलग-अलग निकले टोलियों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। छठ घाट पहुंचने के बाद पहले व्रती महिलाओं ने वेदी पर पूजन सामग्री रखकर विधिपूर्वक पूजन किया। इसके बाद पोखरा-तालाब के पानी में प्रवेश कर गईं। करीब घंटे भर पानी में खड़े रहकर सूर्य देव व छठी मइया की आराधना की। शाम 5.37 बजे शुभ मुहूर्त में व्रतियों ने डूबते सूर्य को पूरे भक्ति भाव से अर्घ्य दिया। इसके बाद वह घर गीत गाते हुए ही पहुंची। जिनके यहां कोसी भरा जाना था, वह श्रद्धालु परिजनों के साथ ढोल-नगाड़ों के बीच घाटों पर पहुंचे। सरस्वती देवी महाविद्यालय द्वारा छठ घाट पर आगन्तुको के लिए वृहद जलपान की व्यवस्था की गई थी।
पंडित दयाशंकर पाठक ने बताया कि रविवार को उदयाचल सूर्य को सुबह में 6.35 बजे अर्घ्य प्रदान कर चार दिवसीय छठ व्रत का पारण किया जाएगा। श्रद्धालु एवं व्रती महिलाएं दान-पुण्य कर एवं आस पड़ोस में प्रसाद बांटकर इसे पूरा करेंगी। वही सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से कोतवाली पुलिस मुस्तैद दिखी।
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