महराजगंज। इन दिनों इंडो नेपाल सीमा पर विदेशी मटर के साथ साथ काली मिर्च की तस्करी तेजी से अपनी पाव फैला रही है। उक्त बातो को लेकर सीमा पर तैनात तीन तीन सुरक्षा एजेंसियो पर एक सवालिया निशान बना हुआ है कि इन तस्करो को रोकना शायद इन एजेंसियों के वश के बाहर है या निगेहबानो का सहयोग है। ये बताना शायद मुश्किल है। सूत्रों का माने तो ठूठीबारी के क्षेत्रों में तस्करी चरम सीमा को पार ली है यहा तस्करो को देखा जाए तो नाबालिक बच्चे की संलिप्तता औसतन अधिक मात्रा में है जो करीब 14 से 17 वर्ष के बच्चे शामिल है तस्कर उन्ही बच्चो को कैरिंग के लिए टारगेट करते है। और अपनी बनी बनाई ठिकानों पर माल को मंगवाकर डम्प कराते है। तस्कर ठूठीबारी में करीब पच्चास जगहों को ठिकाना बनाये हुए है। जहाँ नेपाल मुल्क से साइकिल व मोटरसाइकिल के माध्यम से चार चार बोरी माल को लाकर बनाये गए ठिकानों पर डम्प कराते है। और समय व सुरक्षा एजेंसियों का आशिर्बाद मिलते ही अपने गन्तव्य को चार पहिया वाहन या सुुुविधानुसार निकल लेते है। ये ठिकाना ठूठीबारी कोतवाली क्षेत्र के मरचहवा राजाबारी, सड़कहवा कस्बा में गौतमनगर, केवटहिया मुहल्ला सहित कई अन्य जगहों को बनाये है। जहा मटर व कालीमिर्च की भारी मात्रा में डम्प की जाती है। मजे की बात तो यह है कि यह कारोबार कोतवाली के सटे बंधे के पास से किया जाता है। साथ ही टडहवा मरचहवा आदि रास्ता तो तस्करी की प्रमुख रास्ता माना जाता है।
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