महराजगंज। बृजमनगंज देर रात फौजी सुरेश यादव का पार्थिव शरीर तिरंगे मे लिपटा सेना के द्वारा निवास स्थान धानी ढाला पर पहुंचा। शव पहुचते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। मौत की खबर फैलते ही पार्थिव शरीर देखने के लिए आज सुबह सात बजे तक काफी भीड़ इकट्ठा हो गया। बृजमनगंज थानाध्यक्ष गिरजेश उपाध्याय सहित पूरा पुलिस फोर्स स्व.सुरेश यादव के निवास स्थान पहुंचे। गोरखपुर से जीआरडी कैंप असम राइफल्स से मेजर सुबेदार सहित दो जवान पहुंचे। भारतीय सेना के जवानों ने सुरेश यादव के पार्थिव शरीर को नम आंखों से अंतिम सलामी दी। थानाध्यक्ष गिरजेश उपाध्याय सहित पुलिसकर्मियों ने भी नम आंखों से अंतिम सलामी दी। स्व.सुरेश यादव की पत्नी गीता देवी पति के वियोग में अपना सुधबुध खो बैठी। पूरा बृजमनगंज नगर शोक में डूब गया था। प्रधान प्रतिनिधि विनोद जायसवाल ने बताया कि हम लोगों का संबंध एक भाई की तरह था पढाई के समय से ही सुरेश की इच्छा देश की सेवा करने के लिए सेना में भर्ती की थी। सन् 1997 मे उनकी पोस्टिंग असम राइफल्स मे हुई। एक फौजी के अंदर देश के लिए जीने और देश के लिए मरने का जज्बा हमेशा मौजूद रहता है
मेरी जिंदगी मेरे वतन के काम आये।
ना खौफ है मौत का, ना आरजू है जन्नत की। ।
लेकिन जब कभी जिक्र हो शहीदों का। ।
काश मेरा नाम भी आये,काश मेरा नाम भी आये। ।
मिली जानकारी के अनुसार फौज से रिटायर होने मे दो माह शेष रह गए थे। परंतु होनी को कुछ और ही मंजूर था। मातृभूमि की सेवा करते हुए अपनी अंतिम सांस ली।
फौजी सुरेश यादव का पार्थिव शरीर पंचतत्व मे विलीन के लिए राष्ट्रीय सम्मान के साथ भारतीय सेना के जवान एस के नुरुद्दीन सहित परिवार के लोग एवं क्षेत्र वासी अयोध्या नगरी गये जहां फौजी सुरेश यादव के छोटे भाई संतोष कुमार यादव द्वारा अंतिम संस्कार किया गया।
फौजी सुरेश यादव के अंतिम दर्शन मे विनोद जायसवाल, योगेन्द्र यादव, देवेंद्र यादव, किशन जायसवाल उर्फ मंटू, पंकज श्रीवास्तव, जगदम्बा जायसवाल, वीरेंद्र श्रीवास्तव,जयप्रकाश गौड़, रवि यादव, क्रांति मणि, समस्त मीडिया, समस्त थाना स्टाफ, सहित ग्रामीण एवं नगरवासी मौजूद रहे।
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