महराजगंज। फरेंदा कस्बे में हाईटेंशन लाइन टूट कर गिरने से पांच लोगों की मौत के मामले में तीन अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में फीडर ट्रिप होने की फर्जी रिपोर्ट लगाने के मामले में एफआईआर भी दर्ज होगी। पहली बार अफसरों पर इस तरह की सख्ती हुई है। 29 जुलाई को महराजगंज में घटना के बाद चेयरमैन आलोक कुमार ने जांच कमेटी का गठन किया था। कमेटी में बस्ती के मुख्य अभियंता और गोरखपुर के विद्युत सुरक्षा के उप निदेशक शामिल थे। कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद यूपी पॉवर कारपोरेशन के निदेशक वितरण इन तथ्यों की दोबारा जांच की। जांच में पाया गया कि संबंधित अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और जेई ने लापरवाही की है।
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उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इन अधिकारियों ने हाईटेंशन लाइनों की मरम्मत आदि के संबंध में कोई काम नहीं किया। यही नहीं उपकेंद्र पर फीडर ट्रिप होने की फर्जी रिपोर्ट भी दर्ज कर दी। जांच रिपोर्ट के आधार पर चेयरमैन ने तीन अफसरों को दोषी पाते हुए निलम्बित कर विभागीय जांच शुरू करने के आदेश दिए। साथ ही लॉग-बुक में फर्जी इंट्री करने के कारण एफआईआर कराने के भी निर्देश दिए हैं। एमडी पूर्वांचल गोविंद राजू एनएस ने जेई परीक्षण महराजगंज इरफान उल्लाह को निलम्बित कर दिया। वहीं महराजगंज में 19 जुलाई तक तैनात रहे अधिशासी अभियंता रामचंद्र जो अब दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा में ट्रांसफर हो चुके हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लएि एमडी दक्षिणांचल को लिखा गया है। इनके तैनाती कार्यकाल के दौरान इन हाईटेंशन लाइनों की मरम्मत आदि का काम होना था। जिसमें लापरवाही की गई।
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