महराजगंज। प्रकाष्ठ डीफो लक्ष्मीपुर वन विभाग के विवादित व चर्चित रेंजर सरयू प्रसाद के की देख रेख में वन की बहुत सी बेशकीमती लकड़ियों के हुये हनन को देखते हुए डीएफओ ने जमकर फटकार लगाई। वन के कई बेल्टों में विगत एक वर्ष से लेकर ड़ेढ वर्ष पूर्व आँधी, तूफान व चक्रवात से लगभग एक हजार से ऊपर साखू के पेड़ उखड़कर गिर गया थे। जिस मामले में प्रकाष्ठ डीफो लक्ष्मीपुर रेंज के तलहटी पर सटे हुए जंगल में हजारों की संख्या में सागौन का पेड़ है। विगत एक माह पहले तीन पेड़ बेसकीमती सागौन थे जो कि आज मौके पर जब मनीष कुमार सिंह पहुँचे तो उनका कुछ पता नही था। दस दिन पहले दो पेड़ गायब होने की खबर मिली थी और उसके पहले भी उसी जगह से तीन पेड़ काटे जा चुके थे। कुल मिलाकर पांच पेड़ काटे जा चुके हैं। जिनकी लंबाई 50 – 60 फिट और मोटाई 8-10के लगभग थी। जिन पेड़ो की कटाई हुई है वहाँ से रेंज की महज दूरी 200 मीटर है जहाँ पर रेंजर सरयू प्रसाद का आवासीय परिसर है। और रेंज के एक चौकी की भी दूरी 200 मीटर के लगभग है। वन की इस अंधाधुंध कटाई को देखते हुए समाज सेवक संतोष चौबे व वन के सटे हुये कई लोगों ने रेंजर की इस कार्यप्रणाली से असुंतुष्ठ होकर मामले की सूचना व शिकायत फोन द्वारा कंजरवेटर गोण्डा को अवगत कराया। जिसमें कंजरवेटर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए महराजगंज के नवागत D. F. O मनीष कुमार सिंह को मौके की जाँच करने का आदेश दिया है। जब मौके पर मनीष कुमार सिंह पहुंचे तो वन की इस अंधाधुंध कटाई के नमूने को देख हैरान हो गये। वन के कई इलाकों की सघनता से जाँच किया लेकिन सभी जगह वही हाल था जो शुरू में देखने को मिला। रेंजर के इस अनदेखी हरकत को देखते हुए मनीष कुमार सिंह ने रेंजर को फटकार लगाई और कहा, कटे हुए पेड़ो की जाँच के बाद अगर गैरकानूनी तरीके से पेड़ो की कटाई का मामला प्रकाश में आता है तो रेंजर सरयू प्रसाद पर गाज गिर सकती है। मनीष कुमार सिंह से हुई वार्ता में बताया कि बेशकीमती लकड़ियों के पक्के सबूत देने में अगर रेंजर सरयू प्रसाद असमर्थ होते हैं तो उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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