गोरखपुर/महराजगंज। पिपराइच थाना क्षेत्र के बूथ संख्या381 पर तैनात पीठासीन अधिकारी राजाराम की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। पीठासीन अधिकारी का नाम राजाराम जो रेलवे महाप्रबंधक दफ्तर में सतर्कता विभाग में कार्यरत थे। रविवार लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान प्रक्रिया पीठासीन अधिकारी राजाराम जो अस्थमा के मरीज थे। अचानक तबीयत बिगड़ने पर अन्य स्टाफ की मदद से नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पहुचाया गया। जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पीठासीन अधिकारी मृत के कारण मतदान कुइ समय के लिए बाधित रहा। लोकसभा चुनाव 2019 के अंतिम चरण में मतदान के दौरान के उत्तर प्रदेश की गोरखपुर लोकसभा सीट पर एक मतदान अधिकारी की अचानक तबियत बिगड़ने से मौत हो गयी। जिसके चलते इस बूथ पर मतदान प्रक्रिया प्रभावित हुई। हलांकि बाद में अतिरिक्त पीठासीन अधिकारी को तैनात कर प्रक्रिया पुन: शुरू कराई गयी।
मालूम हो कि रविवार देश के 8 राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर चुनाव के अंतिम चरण की मतदान प्रक्रिया चल रही है।
गोरखपुर लोकसभा सीट के पिपराइच थाना क्षेत्र के बेला कांटा बूथ संख्या 381 में उस समय हड़कंप मच गया जब अचानक वहां तैनात पीठासीन अधिकारी राजाराम अचानक तबियत बिगड़ने से लड़खड़ा कर गिर गए।
वहां मौजूद अन्य स्टाफ की मदद से आनन फानन उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया गया। जहां उपचार शुरू होता इससे पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
पीठासीन अधिकारी राजाराम रेलवे महाप्रबंधक दफ्तर के सतर्कता विभाग में तैनात थे। बताया जा रहा है कि उन्हें अस्थमा की शिकायत थी।
बीच मतदान में पीठासीन अधिकारी की अचानक हुई मौत से बूथ पर मतदान प्रक्रिया कुछ समय के लिए बाधित हो गयी।
द्वितीय मतदान अधिकारी ने पूरे प्रकरण से जिला निर्वाचन अधिकारी को अवगत कराया। जिसके बाद रिजर्व पार्टी से एक पीठासीन अधिकारी को बूथ पर भेज कर मतदान प्रक्रिया शुरू कराई गयी।
बड़ा सवाल यह उठता है कि आम तौर पर चुनाव ड्यूटी से कतराने वाले अधिकारी और कर्मचारी जहां झूठे मेडिकल मामलों को दिखा कर चुनाव की ड्यूटी से छुटकारा पा लेते हैं। ऐसे में दिवंगत पीठासीन अधिकारी राजारात की अस्थमा की समस्या पर जिला निर्वाचन कार्यालय ने क्यों ध्यान नहीं दिया?
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