महाराजगंज जिले के प्रमुख अधिवक्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता विनय कुमार पांडे की जनहित याचिका (पीआईएल)पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया 2 साल पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में राज्य सरकार को 6 माह के भीतर यूपी के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी यही फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अधिवक्ता विनय कुमार पांडे ने बेखौफ खबर न्यूज़ के संवाददाता से बात करते हुए कहा कि यूपी के पुलिस थानों में मानवाधिकार का सबसे ज्यादा उल्लंघन होता है।यूपी के थानों में मानवाधिकार उल्लंघन के अलावा पुलिस अभिरक्षा में अभी सबसे ज्यादा मौत, रेप और उत्पीड़न होता है, जिससे वह काफी विचलित हो गए इसके बाद उन्होंने थानों में होने वाले इस जुल्म को खत्म करने की ठान ली।
बाद में कि अधिवक्ता विनय कुमार पांडे ने 5 साल पहले विनय पांडे वर्सेज यूपी डीजीपी एंड अदर्स के खिलाफ हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की जिसमें मानवाधिकार आयोग को भी एक पक्ष बनाया गया था इस पीआईएल में सारे आंकड़े भी पेश किए गए थे उच्च न्यायालय के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने 5 साल बाद इस पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में राज्य के सभी थानों में शीघ्र सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्णय दिए हैं। पांडे ने पहले हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर स्वागत करते हुए प्रसन्नता जताई।
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