बहराइच 20 जनवरी। शासन के निर्देश पर रबी वर्ष 2020-21 में फसलों के बुआई/टापडेªसिंग में प्रयोग होने वाले उर्वरक की बिक्री हेतु कृषकों को गुणवत्तायुक्त रासायनिक उर्वरकों की व्यवस्था, उर्वरकों का वितरण शत-प्रतिशत पी.ओ.एस. माध्यम से करने तथा उर्वरक बिक्री उपरान्त कृषकों को कैशमेमो/पर्ची दिये जाने तथा उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी व तस्करी पर नियंत्रण करने के सम्बन्ध में जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं कि जनपद में आपूर्तित एवं उपलब्ध उर्वरकों का कृषकों के मध्य उनकी कृषि जोत, फसल के अनुसार एवं उनके आधार कार्ड के आधार पर वितरण सुनिश्चित किया जाये।
जिला कृषि अधिकारी ने फुटकर एवं थोक विक्रेताओं को सचेत किया है कि अपने पास उर्वरक का अनावश्यक भण्डारण स्थानीय स्तर पर कर कृत्रिम अभाव की स्थिति न उत्पन्न करें। यदि ऐसी स्थिति पायी जाती है तो स्टाक को बाजार में कृषकों में बिक्री के लिये अवमुक्त किये जाने हेतु सम्बन्धित के विरूद्व कार्यवाही की जायेगी। थोक विके्रता/फुटकर विक्रेता यूरिया उर्वरक के साथ जबरन अन्य उत्पादों की टैंगिंग न करें। ऐसे उत्पादों को कृषकों को खरीदने के लिये बाध्य न किया जाय। श्री पाण्डेय ने यह भी निर्देश दिया है कि समस्त उर्वरकों की बिक्री निजी क्षेत्र, सहकारिता एवं अन्य बिक्री केन्द्रों के द्वारा शत-प्रतिशत पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से निर्धारित दर/मूल्य पर अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाये। अन्यथा पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से उर्वरकों की बिक्री नहीं करने तथा क्रेता कृषकों को पी.ओ.एस. मशीन से निकलने वाली पर्ची नहीं देने वाले उर्वरक विके्रताओं के विरूद्व नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जायगी।
श्री पाण्डेय ने निर्देश दिया है कि एम.एफ.एम.एस. पोर्टल पर उर्वरकों की बिक्री हेतु एक्नाॅलेजमेन्ट की व्यवस्था के दृष्टिगत थोक विके्रता से फुटकर विके्रता तक उर्वरकों के एक्नाॅलेजमेन्ट की व्यवस्था रियल टाइम में की जाये जिससे कृषकों को उर्वरक वितरण के साथ ही साथ डी.बी.टी. प्रणाली के अन्तर्गत वास्तविक क्रेता का नाम दर्ज हो सके। भौतिक रूप से जैसे ही उर्वरक का मूवमेन्ट होता है वैसे ही आनलाइन प्रणाली को भी अध्यावधिक करना सुनिश्चित किया जाये और इसमे विलम्ब करने वाले थोक/फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ कार्यवाही की जायगी।
जिला कृषि अधिकारी ने निर्देश दिया है कि यूरिया, डी.ए.पी., एन.पी.के., एम.ओ.पी. एवं काम्प्लेक्स उर्वरक के बोरों पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य के अन्तर्गत बिक्री सुनिश्चित की जाये। यदि कोई उर्वरक विक्रेता अधिकतम खुदरा मूल्य दर से अधिक मूल्य पर उर्वरक बिक्री करते हुए पाया गया तो उसके विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 मे निहित प्राविधानानुसार कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों मे 05 कि.मी. के अन्तर्गत निजी क्षेत्र की उर्वरक बिक्री हेतु उर्वरक निबंधन प्रमाण-पत्रों के निर्गमन पर लगे प्रतिबन्ध के दृष्टिगत यह सुनिश्चित किया जाय कि इस परिधि मे निजी क्षेत्र के कोई उर्वरक विक्रय केन्द्र को आपूर्ति न की जाय तथा इसकी सूचना अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध करायी जाय।
जनपद मंे डीलरों द्वारा उर्वरक स्टाक को एक जनपद से दूसरे जनपद के डीलर को विक्रय किये जाने के कारण उर्वरकों की शीर्ष मांग के समय जनपद में पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता होते हुए भी कमी का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 तथा उर्वरक (परिसंचलन नियंत्रण) आदेश 1973 का स्पष्ट उल्लंघन है। वही दूसरी ओर राज्य स्तर से प्रत्येक माह जारी किये जाने वाले उर्वरक मूवमेंट प्लान के विपरीत है। ऐसी स्थिति पाये जाने पर दोषी उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। अतः उक्त निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से करना सुनिश्चित करें।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






