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Monday, April 21, 2025 2:00:35 AM

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लखनऊ। तीन आईपीएस अधिकारियों पर गिरी योगी सरकार की गाज

लखनऊ। तीन आईपीएस अधिकारियों पर गिरी योगी सरकार की गाज
से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार अजीत कुमार सिंह की रिपोर्ट

गृह मंत्रालय की स्क्रीनिंग में उत्तर प्रदेश के चर्चित आईपीएस अमिताभ ठाकुर सहित 3 आईपीएस अफसरों को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाया गया । अमिताभ ठाकुर (आईजी रूल्स एवं मैनुअल) पर तमाम मामलों में जांच लंबित हैं, वहीं राजेश कृष्ण (सेनानायक, 10वीं बटालियन, बाराबंकी) पर आज़मगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप रहा है। इनके अलावा राकेश शंकर (डीआईजी स्थापना) पर देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका का आरोप था। तीनों आईपीएस पर गम्भीर अनियमित्ता के भी आरोप थे।

इस संबंध में 17 मार्च 2021 का भारत सरकार के ग़ृह मंत्रालय की तरफ से आदेश जारी हुआ कि अमिताभ ठाकुर लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त नहीं हैं। इस आदेश के क्रम में अब प्रदेश के गृह विभाग की तरफ से उन्हें वीआरएस देने या कहें ‘जबरन रिटायर’ करने का आदेश जारी हो गया है। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा जारी आदेश के अनुसार गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के 17 मार्च 2021 के आदेश द्वारा अमिताभ ठाकुर, आईपीएस, आरआर-1992 को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए अखिल भारतीय सेवाएं (डीसीआरबी) नियमावली-1958 के नियम-16 के उपनियम 3 के अंतर्गत लोकहित में तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पहले सेवानिवृत्त किए जाने का निर्णय लिया गया है।

गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में अपर मुख्य सचिव ने आगे लिखा है कि गृह मंत्रालय के आदेश के क्रम में राज्यपाल नियमानुसार अमिताभ ठाकुर को लोकहित में तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत्त करने और उनको तीन महीने के उनके वेतन और भत्तों के बराबर की धनराशि, जो उनकी सेवानिवृत्ति के ठीक पहले उनके द्वारा अहरित की जा रही धनराशि के समान दर पर आगणित कर दिए जाने के निर्देश देते हैं।
अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर कहा ‘जयहिंद’….
अमिताभ ठाकुर ने इस मामले पर खुद ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होने अपनी प्रतिक्रिया में ट्वीट करके लिखा कि मुझे अभी-अभी वीआरएस (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ। सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिए। जय हिन्द !
इस वजह से रहे थे चर्चा में अमिताभ ठाकुर
अमिताभ ठाकुर उत्तर प्रदेश काडर के 1992 बैच के आईपीएस हैं उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने के साथ ही उनके खिलाफ लखनऊ में केस भी दर्ज करावाया था। इसके बाद अखिलेश यादव सरकार ने उनके खिलाफ भी केस दर्ज कराया। उनके खिलाफ पांच पांचवीं विभागीय कार्रवाई भी हुई थी। उनके खिलाफ आरोप था कि 16 नवम्बर 1993 को आईपीएस की सेवा प्रारंभ करते समय अपनी संपत्ति का ब्यौरा शासन को नहीं दिया गया।

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