बहराइच : समाज के प्रति जागरूक शक्ति मिशन अभियान चलाया जा रहा है श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा।
आपको बता दे कि नशा मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ
समाज में नशे की बीमारी एवं लत को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान का शुभारम्भ किया गया था।
यह अभियान 15 अगस्त 2020 से 31 मार्च 2021 तक चलाया गया था उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिसमे कई दिनों तक लोगो को नशे से दूर रहने कि सलाह दी गई थी।
स्कूल कॉलेज ऐसे कई स्थानीय जगहों पर इसका अभियान हुवा था।
अगर हम बात करे इंडो नेपाल बॉर्डर कस्बा रूपईडीहा कि तो क्राईम के मामले में अख़बार का पहला पन्ना इंडो नेपाल बॉर्डर के साथ ही दिखती है ज्यादा तर घटना सीमावर्ती क्षेत्रों में ही दर्ज होती है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नशा मुक्त अभियान हेतु जहां अन्य जिलों में पुलिस प्रशासन द्वारा सभी शराब ठेके कि जांच हेतु बा खूबी अपनी जिम्मेदारी निभाते नज़र आते है।
अगर बात करे रूपैडीहा कस्बा कि तो यहां अनगिनत अवैध मेडिकल खुले है जिसकी तुलना कर पाना मुस्किल है ।
कोरेक्स सीरप नशीली दवाएं खुले आम बेची जा रही है चार गुना दामों पर लड़के लड़कियां इसकी चपेट में आकर अपना परिवार और साथ में अपना भविष्य ये दोनो ही नशे के कारण बर्बाद हो जाता है।
सूत्रों कि माने तो यह अवैध धंधा काफ़ी लम्बा है जो कि नेपाल से कई अन्य क्षेत्रो
में इसकी शाखाएं फैली हुवी है।
ज्यादातर मामलों में नेपाल से आने वाली लड़कियां लड़के हर एक मेडिकल पर दिख जाएंगे कोरेक्स नाइट्रोशन जैसी नशीली दवाएं थोक में लड़कियों को ज्यादा दामों में देते हैं।
जिससे समाज का विनाश हो रहा है लोगो को मैत के मुंह में ढकेला जा रहा है कुछ इस तरह से रूपईडीहा कि कालाबाजारी के पन्ने दिन ब दिन भरते जा रहे है पिछले 3 दिनो से रूपईडीहा थाने कि टीम बाजारों का जायज़ा नहीं लिया हालाकि आपको बता दे कि एस पी सुजाता सिंह के निर्देश हेतु हर चौक चौराहे का व अन्य दुकानें जहां नशीली पदार्थ गांजा
शराब कि जांच हेतु समांतर तौर पर चेक करने का आदेश है।
लेकिन यहां न तो प्रशासनिक पुलिस न कोई जांच न प्रताल शायद यही कारण है कि इंडो नेपाल बॉर्डर आए दिन सुर्खियों में रहता है।
पुलिस प्रशासन निगरानी में लापरवाही बरती जा रही है।
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