बहराइच 29 सितम्बर। प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जा जाता है। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार विश्व में हर साल 17.5 करोड़ लोगों की हृदय रोग और स्ट्रोक से अकाल मृत्यु हो जाती है। भारत में भी प्रत्येक वर्ष 20 लाख लोगों की कोरोनरी हार्ट डिजीज यानी ह्ृदय धमनियों की बीमारी से मृत्यु होती हैं। अधिकतर लोगों को यह मालूम नहीं होता है कि उनकी अपनी जीवन शैली से उनके अन्दर नाना प्रकार के व्याधियां पैदा हो जाती है। डॉक्टरों की सलाह है कि अपने हृदय का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विश्व हृदय दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम/स्क्रीनिंग कैम्प/हस्ताक्षर अभियान/निबंध एवं पोस्टर प्रतियोगिता का सीएमओ कार्यालय व केडीसी में आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सीएमओ डॉ एस के सिंह ने हस्ताक्षर कर किया। उन्होंने कहा कि बिगड़ी दिनचर्या, तनाव, गलत खानपान, प्रदूषण और अन्य कारणों से दिल से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं। छोटी उम्र से लेकर बुजुर्गों तक में यह समस्या आम होती जा रही है। दिल को दुरुस्त रखने के लिए सही खानपान, एक्सरसाइज और तनाव को दूर भगाना सबसे जरूरी है।
एनसीडी के नोडल अधिकारी डा अजीत चंद्रा ने वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर एक गोष्ठी में बताया कि दिल का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। आज कल ज्यादातार मौत का कारण हार्ट प्रॉब्लम ही है। दिल सेहतमंद रहे इसके लिए नियमित व्यायाम करें तनाव कम लें धूम्रपान से दूर रहें अच्छा खाना और संतुलित खाना खाएं अनुशासन की जिंदगी जिये। उन्होंने कहा कि इलाज से बेहतर बचाव है। अगर आप दिल की बीमारी से ईमानदारी से बचना चाहते हैं तो अभी से अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना शुरु करें। डीएचआईओ ब्रिजेश सिंह ने गोष्ठी का संचालन किया और हृदय रोग के कारणों पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ पी. तिवारी ने गोष्ठी में कहा कि हृदय की बीमारी का इलाज बचाव है और बचाव का सबसे सरल तरीका लाइफ स्टाइल में सही बदलाव है। एक जगह लगातार छह घंटे तक बैठना हृदय रोग का कारण बन सकता है, यह सिगरेट की डिब्बी पीने के बराबर है। हृदय रोग पूरे विश्व में एक गंभीर बीमारी है। उचित दिनचर्या और नियमित जांच कराने से हृदय रोगों से बचा जा सकता है।
विश्व ह््रदय दिवस के अवसर पर किसान डिग्री कालेज में हुए निबंध एवं पोस्टर प्रतियोगिता में विभिन्न संकाय के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। जिसमे निबन्ध पुरस्कार में प्रथम पुरस्कार पाने वाले में निधि पाण्डेय, द्व्तिय पुरस्कार दिव्या शुक्ल तथा तृतीय पुरस्कार पायल यज्ञसैनी को दिया गया। इसी प्रकार पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार रिया वर्मा , द्व्तिय पुरस्कार श्रुति रस्तोगी तथा तृतीय पुरस्कार तोशिका साहू को दिया गया। इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी की तरफ से १० लोगों को सान्तवना पुरस्कार भी दिया गया। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजेश कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. योगिता जैन, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा अनिल कुमार, किसान डिग्री कालेज के प्राचार्य डा. विनय सक्सेना, उप प्राचार्य डा. उस्मान सहित शिक्षक, शिक्षिकाएं व अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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