बहराइच 15 नवम्बर। ,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश सुरेन्द्र प्रसाद मिश्रा के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच के तत्वधान में सिविल कोर्ट परिसर बहराइच में 11 दिसम्बर 2021 को प्रातः 10ः00 बजे से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा।
यह जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती शिखा यादव ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से जनपद न्यायालय में लम्बित आपराधिक शमनीय वाद, धारा 138 पराक्रम्य लिखित अधिनियम, बैंक वसूली वादों, मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकाएं, वैवाहिक वादों, श्रम वादांे, भूमि अधिग्रहण वादांे, विद्युत एवं जल बिल विवाद (चोरी से सम्बन्धित विवादों सहित), सर्विस में वेतन सम्बन्धित विवाद सेवानिवृत्तिक लाभों से सम्बन्धित विवाद, अन्य सिविल वादों (किराया, सुखाधिकार, व्यादेश, विशिष्ट अनुतोष वाद) तथा प्रीलिटीगेशन धारा 138 पराक्रम्य लिखिल अधिनियम, बैंक वसूली, टेलीफोन बिल्स प्रकरणों, श्रम विवादो विद्युत एवं जल बिल विवाद, अन्य अपराधिक शमनीय वाद, वैवाहिक व अन्य सिविल वादों का अधिकाधिक संख्या मे निस्तारण किया जायेगा।
श्रीमती यादव ने बताया कि इसके अतिरिक्त दिसम्बर माह में ही जनपद न्यायाधीश तथा परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश शेषमणि के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन वैवाहिक वादों के निस्तारण हेतु प्रीलिटिगेशन विशेष लोक अदालत (जो न्यायालय में लम्बित न हो) का आयोजन भी किया जायेगा। जिसके माध्यम से पति एवं पत्नी के मध्य विभिन्न कारणों से उत्पन्न हुए वैवाहिक विवादों के समाधान के लिए तारा महिला इण्टर कालेज के निकट स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच में स्वयं उपस्थित होकर अथवा किसी भी व्यक्ति के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत किये जा सकते हैं। प्रार्थना पत्र में विवाद के संक्षिप्त विवरण सहित प्रार्थी/प्रार्थिनी तथा विपक्षी का नाम व अघतन पता, दूरभाष नम्बर, फोटोग्राफ एवं पहचान पत्र आवश्यक रूप से संलग्न करना होगा।
सचिव, श्रीमती यादव ने बताया कि प्रार्थना पत्र देने के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा विपक्षी को नोटिस भेजकर बुलाया जायेगा और लोक अदालत के माध्यम से न्यायाधिकारी एवं विशेषज्ञों द्वारा पक्षों को समझा बुझाकर समझौता कराने का प्रयास किया जायेगा। पक्षों द्वारा आपसी सहमति से किये गये समझौते के सम्बन्ध में लोक अदालत अपना निर्णय पारित करेगा और उक्त निर्णय पक्षों के मध्य सिविल न्यायालय की डिग्री के समान ही बाध्यकारी होगा। लोक अदालत द्वारा पारित निर्णय को किसी अन्य न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती और उक्त निर्णय अन्तिम माना जायेगा। पक्षों के द्वारा आपसी सहमति से किया गया समझौता वैवाहिक विवादों का समाधान करेगा और न्यायालय में मुकदमों की संख्या में कमी होगी। इसके लिये पक्षकारों से किसी भी तरह का शुुल्क नहीं लिया जायेगा।
प्राधिकरण की सचिव श्रीमती यादव ने जन सामान्य से अपील की है कि 11 दिसम्बर 2021 को सिविल कोर्ट बहराइच में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत तथा वैवाहिक वादों के निस्तारण हेतु माह दिसम्बर में ही प्रस्तावित प्रीलिटिगेशन विशेष लोक अदालत में अधिकाधिक संख्या में वादों को नियत करवाकर सुलह-समझौता के माध्यम से विवाद निस्तारित करवाकर लोक अदालत का अधिक से अधिक लाभ उठायें।
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