Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Sunday, February 16, 2025 1:30:00 AM

वीडियो देखें

नारायणपुर में आदिवासियों पर लाठी चार्ज की निंदा की माकपा ने, कहा — आदिवासी अधिकारों को मान्यता दें सरकार

नारायणपुर में आदिवासियों पर लाठी चार्ज की निंदा की माकपा ने, कहा — आदिवासी अधिकारों को मान्यता दें सरकार
/ से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार संजय पराते की रिपोर्ट

रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने रावघाट खनन मुद्दे पर नारायणपुर में जिलाधीश कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों पर बर्बर लाठी चार्ज किये जाने की तीखी निंदा की है तथा इसके लिए जिम्मेदार जिलाधीश और पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की नांग की है। पार्टी ने कहा है कि प्रशासन और सरकार के रूख से ऐसा लगता है कि वे आदिवासी हितों के लिए नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट सेवा के लिए नियुक्त हैं।

आज यहां जारी एक बयान में माकपा के छत्तीसगढ़ राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि सरकार और प्रशासन का दुष्प्रचार है कि आंदोलनकारी आदिवासी खनन परियोजना के खिलाफ है, जबकि उनकी मांगों से स्पष्ट है कि वे पेसा कानून के तहत ग्राम सभा की स्वीकृति के साथ सरकारी कंपनियों द्वारा, स्थानीय निवासियों को 100% रोजगार की गारंटी के साथ, खनन के पक्ष में है। वे चाहते है कि खनन परियोजना को क्रियान्वित किये जाने से पहले उनके वनाधिकारों की स्थापना की जाए। ये ऐसी मांगें हैं, जो न तो संविधानविरोधी हैं और न ही कानून के दायरे से बाहर। इन मांगों पर बात न करने के लिए जिलाधीश के पास यदि समय नही हैं, तो उसकी कॉर्पोरेटपरस्ती बहुत साफ है और कांग्रेस सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए।

मीडिया के लिए पुलिस लाठी चार्ज की वीडियो जारी करते हुए माकपा नेता ने कहा कि जल-जंगल-जमीन-खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए बस्तर में आदिवासियों का सरकार और प्रशासन के साथ टकराव तेज हो रहा है। इस टकराव का एकमात्र और सर्वमान्य हल यही है कि राज्य सरकार आदिवासियों के संविधानसम्मत अधिकारों, विशेषकर 5वीं अनुसूची के प्रावधानों का सम्मान करें तथा उनके कानूनी अधिकारों, खास तौर से पेसा और आदिवासी वनाधिकार कानून को मान्यता देते हुए विकास परियोजनाओं को क्रियान्वित करें। यदि इसका उल्लंघन सरकार और प्रशासन के स्तर पर होगा, तो आदिवासियों के साथ उसका टकराव और बढ़ेगा। उन्होंने मांग की है कि रावघाट में अवैध खनन व परिवहन पर सरकार तुरंत रोक लगाएं।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *