बहराइच 23 अप्रैल। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश के निर्देशानुसार सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शिखा यादव द्वारा वर्चुअल माध्यम से जिला कारागार का निरीक्षण एवं जिला कारागार में विधिक जागरुकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में डिप्टी जेलर देवकान्त वर्मा तथा बंदीगण उपस्थित रहे। डिप्टी जेलर श्री वर्मा द्वारा बताया गया कि जिला कारागार, बहराइच में निरुद्ध विचाराधीन बंदियों में पुरुष बंदी 814 व महिला बंदी 52, सिद्धदोष बंदियों में पुरुष बंदी 175 व महिला बंदी 5 हैं। साथ ही यह भी अवगत कराया गया कि 36 पात्र बंदियों को अभी तक कोविड का बूस्टर डोज लगा है। जिला कारागार में ऐसे बंदी जिन्हें बुखार, सर्दी जैसे लक्षण होते हैं उन्हें अलग से आईसोलेशन वार्ड में रखा जाता है।
शिविर में उपस्थित बंदियों को उनके निःशुल्क मुकदमे की पैरवी हेतु सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराये जाने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया। बंदी शुभम तिवारी, अशोक मौर्या व रजनीश सोनी द्वारा बताया गया कि उसके पास अधिवक्ता उपलब्ध नहीं है तथा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने हेतु निवेदन किया गया। निःशुल्क अधिवक्ता हेतु उसका प्रार्थना पत्र पीएलवी के माध्यम से तैयार करवाकर कार्यालय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच को प्रेषित किये जाने हेतु डिप्टी जेलर को मेरे द्वारा निर्देशित किया गया।
इसके साथ ही ऐसे सिद्धदोष बंदी जिनकी अपील माननीय न्यायालय में दाखिल नहीं हो पायी है, उन्हें अपनी अपील जेल अपील के माध्यम से कराये जाने हेतु सुझाव दिया गया। शिविर के दौरान आगामी 14 मई 2022 को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत तथा प्रत्येक माह आयोजित होने वाली जेल लोक अदालत के माध्यम से छोटे वादों के मुकदमे का शीघ्र निस्तारण कराये जाने हेतु प्रोत्साहित करते हुए प्ली बारगेनिंग व धारा 436ए दं.प्र.सं. के बारे में बंदियों को बताया गया।
शिविर के दौरान बंदियों को कोरोना (कोविड-19) से बचाव हेतु दो गज की दूरी, मास्क का प्रयोग करने तथा समय-समय पर साबुन से हाथ धुलने हेतु जागरुक किया गया। इसके अतिरिक्त मेरे द्वारा जेल प्रशासन को कोरोना महामारी से बचाव हेतु जिला कारागार में निरुद्ध शेष पात्र बंदियो को जल्द से जल्द बूस्टर डोज लगाये जाने प्रतिदिन जेल परिसर का संपूर्ण सेनेटाइजेशन व जेल परिसर की साफ सफाई, बंदियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग तथा प्रत्येक बंदी मास्क अनिवार्य रूप से पहने का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया गया।
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