बहराइच 29 अप्रैल। जिला कृषि रक्षा अधिकारी आर.डी. वर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में मौसम के तापमान में उतार चढाव के कारण गन्ने की खड़ी फसल में दीमक और तनाछेदक (स्टेम बोरर) लगने की सम्भावना है। गन्ने की फसल में तनाछेदक (स्टेम बोरर) कीट तनो में छेदकर उसके अन्दर प्रवेश कर जाता है और पोरी के अन्दर का गूदा खा जाता है। गन्ना फाड़ने पर लाल दिखाई देता है तथा उसमें कीट द्वारा उत्सर्जित पदार्थ भी दिखाई देता है। पोरियो में जगह-जगह छेद भी दिखाई देता है। गन्ने की खड़ी फसल में दीमक और तनाछेदक (स्टेम बोरर) नियंत्रण हेतु क्लोरपायरीफॉस 20 प्रतिशत ई.सी. को 2.5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से सिंचाई के साथ प्रयोग करना चाहिए। श्री वर्मा ने बताया कि इसी प्रकार वर्तमान में अत्यधिक गर्मी और तापमान परिर्वतन के कारण आम की फसल में फल टूट कर गिरने लगते है, इस समस्या के निदान के लिए फफूदनाशक दवाओ का प्रयोग करना उचित होता है। कृषि रक्षा रसायन कार्बाण्डाजिम 50 प्रतिशत 2 ग्रा./ली. पानी के साथ छिड़काव कर फसल में फल टूटकर गिरने से रोका जा सकता है।
मूंग और उरद की फसल में वर्तमान समय में सफेद मक्खी कीट लगने की प्रबल सम्भावना रहती है। सफेद मक्खी कीट पीला चित वर्ण (येलो मोजेक) वायरस रोग का संवाहक है। यह पौधों की कोशिकाओं का रस चूसकर भोजन प्राप्त करता है। जिसके कारण पौधे की वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ता है। पौधो की पत्तियाँ नीचे की ओर मुड जाती है। इसके नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस.एल. 1 मि.ली./लीटर मात्रा पानी के साथ छिड़काव करें। श्री वर्मा ने बताया कि किसान भाई, किसी भी कीट/रोग के लगने की दशा में रोग ग्रस्त फसल/पौधे के फोटो के साथ विभागीय सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली (पी.सी.एस.आर.एस.) मोबाइल नम्बर 9452247111 एवं 9452257111 के माध्यम से दूरभाश नम्बर 9452247111 व 9452257111 पर व्हाटएप अथवा टेक्सट मैसेज कर समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते है।
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