Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Friday, February 7, 2025 11:30:07 AM

वीडियो देखें

गैर मान्यताप्राप्त पत्रकारों को दिखाना होगा अपना अस्तित्व- जेसीआई

गैर मान्यताप्राप्त पत्रकारों को दिखाना होगा अपना अस्तित्व- जेसीआई
से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार जगदम्बा जायसवाल की रिपोर्ट

गैर मान्यताप्राप्त पत्रकारों को शासन स्तर से कोई भी सुविधा न मिलना चिंतनीय है।न ही उन्हे किसी प्रकार की सुरक्षा की गारंटी है और न ही स्वास्थ्य संबंधी कोई सुविधा मिल पाती है।यहां तक कि इन पत्रकारों का जिले के सूचना विभाग में पर्याप्त रिकार्ड तक उपलब्ध होता है।ऐसे मे वेव मीडिया से जुड़े पत्रकारों का तो सूचना विभाग रिकार्ड तक रखना नहीं चाहता।जहां केन्द्र सरकार के श्रम विभाग ने इन्हे श्रमजीवी पत्रकार माना है इसके बावजूद इनकी किसी प्रकार की कोई जानकारी सूचना विभाग के पास उपलब्ध नहीं है।
जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया (रजि.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संविधान में वर्णित अनुच्छेद 19 अभिव्यक्त की आजादी का अधिकार आम नागरिक को भी प्राप्त है।और पूरी पत्रकारिता भी इसी पर आधारित है।
आवश्यक होने पर या पड़ताल करने पर केवल शासन द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकार व श्रमजीवी पत्रकारों को ही महत्व दिया जाता है।
देखा जाए तो गैर मान्यताप्राप्त पत्रकार और शासन से मान्यताप्राप्त पत्रकारों में कोई फर्क नहीं है।हालाकि प्रेस काउंसिल द्वारा बनाए गये दिशा निर्देश व प्रेस कानून का पालन भी सभी करते है। उनको पालन करने को निर्देशित भी किया जाता है।
ऐसे में गैर मान्यताप्राप्त पत्रकारो को सबसे पहले अपने अस्तित्व को कायम करना होगा।गैर मान्यताप्राप्त पत्रकारों के अस्तित्व न होने के कारण ही इनकी सभी मांगो को सरकारें नजरअंदाज कर देती है।
यदि कोई सुविधा सरकार की ओर से मिलती भी है तो उस पर अधिकार केवल शासन द्वारा मान्यताप्राप्त पत्रकारों का या श्रमजीवी पत्रकारों का ही होता है गैर मान्यताप्राप्त पत्रकारों का नहीं।
इसलिए अब गैर मान्यताप्राप्त पत्रकारों को पहले अपने अस्तित्व की लड़नी होगी। आज सबसे ज्यादा हमले और मुकदमें गैर मान्यताप्राप्त पत्रकारों पर ही होते है।
उन्होने कहा कि सरकार को अब पत्रकारों के लिए नये दिशा निर्देश जारी करने चाहिए साथ ही इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए शैक्षिक योग्यता का भी निर्धारण करना चाहिए।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *