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Friday, February 14, 2025 4:13:02 PM

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मंहगाई, बेरोजगारी और बेहाल अर्थव्यवस्था के खिलाफ वामपंथी पार्टियों ने किया प्रदर्शन

मंहगाई, बेरोजगारी और बेहाल अर्थव्यवस्था के खिलाफ वामपंथी पार्टियों ने किया प्रदर्शन
/ से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार संजय पराते की रिपोर्ट

मंहगाई, बेरोजगारी और बेहाल अर्थव्यवस्था के खिलाफ वामपंथी पार्टियों ने किया प्रदर्श

 

कोरबा। बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी व बेहाल अर्थव्यवस्था के खिलाफ वामपंथी पार्टियों के देशव्यापी आह्वान पर कोरबा में तानसेन चौक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भाकपा तथा भाकपा (माले) ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन कर मोदी सरकार की नीतियों की जमकर खिलाफत की तथा नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। वामपंथी पार्टियों के आह्वान पर मजदूर संगठन सीटू और एटक, छत्तीसगढ़ किसान सभा, जनवादी नौजवान सभा तथा आदिनिवासी गण परिषद जैसे जन संगठनों के कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए।

 

प्रदर्शन के बाद हुई सभा को माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, भाकपा सचिव एम एल रजक, भाकपा (माले) के सचिव बी एल नेताम, सीटू जिला अध्यक्ष एस एन बेनर्जी, एटक के महासचिव हरिनाथ सिंह, छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, जनवादी नौजवान सभा के दामोदर श्याम सहित एस घोष, डी एल टंडन, मनोज विश्वकर्मा आदि ने संबोधित किया।

 

वामपंथी पार्टियों और जन संगठनों से जुड़े इन नेताओं ने मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त और जन विरोधी नीतियों की तीखी आलोचना करते हुए आसमान छूती महंगाई के लिए पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इस तरीके से मोदी सरकार ने लाखों करोड़ रुपये वसूले हैं, लेकिन महंगाई को नियंत्रित करने के लिए इस सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है। इसके कारण लोगों की वास्तविक आय में गिरावट हुई है और कोरोना संकट से जुड़कर देश की बदहाली के साथ करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं, लेकिन रोजगार की कोई गारंटी नहीं है।

 

उन्होंने कहा कि आम जनता की समस्याओं को हल करने में विफल सरकार देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रही है। सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण और विनिवेशीकरण किया जा रहा है। यह देश को बेचने के समान है। वामपंथी पार्टियों के नेताओं ने पेट्रोलियम उत्पादों पर लगे सारे सरचार्ज और टैक्स वापस लेने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए दाल और खाद्य तेल सहित सभी आवश्यक वस्तुओं को सस्ती दरों पर मुहैया कराने, आयकर की सीमा से बाहर वाले सभी परिवारों को 7500 रुपए प्रतिमाह नगद सहायता देने, मनरेगा के लिए आबंटन बढ़ाने, 200 दिन काम और 600 रुपये मजदूरी देने तथा बकाया मजदूरी का भुगतान करने, बेरोजगारी भत्ते के लिए केंद्रीय कानून बनाने, शहरी क्षेत्रों के लिए भी रोजगार गारंटी कानून बनाने, गरीबों के बिजली बिल माफ करने, वन भूमि में काबिज आदिवासियों को वनाधिकार पट्टा देने तथा केंद्र और राज्य सरकार के विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र में रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग की है।

 

प्रदर्शन में अमित गुप्ता, आर डी चंद्रा, रामपूजन, वाईकर, जे.पी.सिंह, राजेश नागराज, नंद कुमार, सुनील सिंह, धर्मेंदर सिंह, पी.के.वर्मा, एस.के.सिंह, रामजी शर्मा, भूपेंद्र गोंड़, डिकेश्वर देवांगन, शिव कुमार यादव, जय कौशिक, जनरैल सिंह, अभिजीत गुप्ता, दिलहरण बिंझवार, संजय यादव, पुरषोत्तम, सुराज सिंह, बृजपाल, मनोहर साहू, साजी के साथ बड़ी संख्या में वामपंथी पार्टियों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

 

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