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Sunday, May 11, 2025 1:15:04 PM

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सीएमडी का मुखौटा पहनकर बेरोजगारों ने मांगा रोजगार : किसान सभा ने कुसमुंडा एसईसीएल मुख्यालय पर किया अर्धनग्न प्रदर्शन

सीएमडी का मुखौटा पहनकर बेरोजगारों ने मांगा रोजगार : किसान सभा ने कुसमुंडा एसईसीएल मुख्यालय पर किया अर्धनग्न प्रदर्शन
_____________ से स्वतंत्र पत्रकार _____________ की रिपोर्ट

 

कुसमुंडा (कोरबा)। छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में कोरबा जिले में एसईसीएल की कोयला खनन परियोजनाओं से विस्थापन प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग को लेकर बेरोजगारों ने सीएमडी का मुखौटा चेहरे पर लगाकर कबीर चौक से रैली निकली तथा कुसमुंडा एसईसीएल मुख्यालय के सामने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी एसईसीएल और आउटसोर्सिंग कंपनियों में रोजगार देने की मांग कर रहे थे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सात दिनों के अंदर उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो कुसमुंडा कार्यालय के अंदर घुसकर आंदोलन किया जाएगा।

प्रदर्शन के दौरान एक घंटे तक मुख्य द्वार बंद रहा जिससे कार्यालय में आवाजाही पूर्ण रूप से बंद रही। किसान सभा के इस प्रदर्शन का समर्थन करते हुए रोजगार एकता संघ के कार्यकर्ता भी आंदोलन में शामिल हुए। दीपका तहसीलदार वीरेन्द्र श्रीवास्तव की उपस्थिति में एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा मांगों पर पहल करने के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उल्लेखनीय है कि भूविस्थापित बेरोजगारों को एसईसीएल में नियमित रोजगार देने की मांग पर पिछले 312 दिनों से आंदोलन चल रहा है और वे कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने स्थायी रूप से तंबू गाड़कर बैठे हुए हैं। छत्तीसगढ़ किसान सभा के सचिव प्रशांत झा ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि एसईसीएल के असली मालिक सीएमडी या जीएम नहीं, भूविस्थापित किसान है। उन्होंने कहा कि रोजगार और पुनर्वास की समस्याओं के लिए एसईसीएल अधिकारियों के साथ ही सरकार में बैठे विधायक और मंत्री भी जिम्मेदार है।

किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और इसकी कुसमुंडा इकाई के अध्यक्ष जय कौशिक ने कहा कि एसईसीएल के किसी भी झूठे आश्वाशन में अब प्रभावित गांवों के बेरोजगार आने वाले नहीं है। अब केवल रोजगार चाहिए और प्रभावितों को रोजगार मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने आउटसोर्सिंग कंपनियों में 100% कार्य विस्थापित गांवों के बेरोजगारों को उपलब्ध कराने की मांग की। उन्होंने विस्थापन प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को खनन कार्यों में सक्षम बनाने हेतु प्रशिक्षण कैम्प लगाने की मांग करते हुए सुपरवाइजर, हेल्पर, ड्राइवर जैसे कार्यों में 100% कार्य प्रभावितों को ही उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही किसान सभा ने आउट सोर्सिंग कंपनियों में कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों के नाम गांव सहित सार्वजनिक करने की मांग की है।

किसान सभा के इस आंदोलन का समर्थन कर रहे रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव, सचिव दामोदर श्याम, सुमेन्द्र सिंह आदि ने कहा कि अगर भू विस्थापित परिवारों के रोजगार की समस्या का निराकरण जल्द नहीं किया गया तो कोयला उत्पादन को पुनः बाधित किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि एसईसीएल के साथ मिलीभगत करके आउटसोर्सिंग कंपनियां यहां अपात्रों को रोजगार बेचने का काम कर रही है और करोड़ों रुपये अवैध तरीके से वसूल कर रही है।

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से रघु, होरीलाल, हरिशंकर, अनिरुद्ध, विजय, हेमदास, गणेश बिंझवार, डुमन, मुनीराम, विनोद, आशीष यादव, सुनील दास, बसंतराम चौहान, गणपत बिंझवार, पुरषोत्तम लाल यादव, प्रेम सागर के साथ बड़ी संख्या में प्रभावित गांवों के बेरोजगार उपस्थित थे।

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