Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Wednesday, February 12, 2025 4:02:43 PM

वीडियो देखें

जाति जनगणना से कतराने वाली केंद्र सरकार खाद खरीदने वालों से पूछेगी जाति, किसान सभा ने कहा : बंद करो ये बेहूदगी

जाति जनगणना से कतराने वाली केंद्र सरकार खाद खरीदने वालों से पूछेगी जाति, किसान सभा ने कहा : बंद करो ये बेहूदगी

रायपुर। मोदी सरकार ने नया हुकुम जारी किया है कि अब जो किसान खाद की दुकान पर सब्सिडी वाला खाद खरीदने जाएगा, उसे पहले बिक्री मशीन पर अपनी जाति बतानी और लिखानी होगी। देश भर में सभी धर्मो, जातियों, सम्प्रदायों, समुदायों के लोग खेती किसानी के काम में लगे हैं। किसान सभा ने खाद खरीदी के वक़्त किसानों की पहचान के लिए उनकी जाति की शिनाख्त करने को सरासर अनुचित और गलत बताया है और कहा है कि खाद खरीदने के लिए इस तरह की जानकारी मांगना बिलकुल जरूरी नहीं है। अखिल भारतीय किसान सभा ने इस मनमाने और बेतुके निर्णय की भर्त्सना की है और कहा है कि मोदी सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय को तुरंत इस बेहूदा आदेश को वापस लेना चाहिए।  

 

छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि अँगूठे के निशान लेने जैसी बायोमेट्रिक प्रणाली का इस्तेमाल लोगों को बाहर करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आधार से जुड़ी खाद बिक्री मशीन लाकर खाद सब्सिडी के मौजूदा तरीके को सीधे बैंक ट्रांसफर की दोषपूर्ण योजना में बदलना चाहती है। अखिल भारतीय किसान सभा ऐसी कोशिशों के सख्त खिलाफ है।

 

किसान सभा नेताओं ने कहा कि रसोई गैस की सब्सिडी के बैंक ट्रांसफर की योजना के अनुभवों से साफ़ हो चुका है कि यह सब्सिडी देने का नहीं, उसे खत्म करने का तरीका है। सीधे बैंक ट्रांसफर की योजना भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड से जुडी होती है। इसलिए भूमिहीन और बंटाईदार किसान सब्सिडी से पूरी तरह वंचित हो जाएंगे।

 

उन्होंने कहा कि खाद की सब्सिडी कीमतों में होनी चाहिए और सरकार को सस्ती तथा नियंत्रित दरों पर आपूर्ति के लिए पर्याप्त खाद की उपलब्धता करानी चाहिए। पिछली दो वर्षों में किसानो के गुस्से के चलते सरकार भले खाद की कीमतें बढ़ाने में सफल नहीं हुयी है, मगर उसने खाद की उपलब्धता में भारी कटौती कर दी है। इसका नतीजा यह निकला है कि किसान अपनी आवश्यकता के मुताबिक़ खाद नहीं खरीद पा रहे हैं। खाद की कालाबाजारी बेहिसाब तेजी से बढ़ रही है।

 

अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने जाति की जानकारी लेने वाले इस बेतुके आदेश को तत्काल वापस लेने और खाद की बिक्री मशीनों का इस्तेमाल और उनको आधार से जोड़ने का निर्णय वापस लेने की मांग की है तथा किसानो को सस्ती तथा नियंत्रित दरों पर पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने की मांग की है।

 

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *