रिपोर्ट : रियाज अहमद
पयागपुर बहराइच। जनपद बहराइच के विकासखंड पयागपुर क्षेत्र अंतर्गत, पिया गए परदेस ई-केवाईसी कैसे होई, न लागी अंगूठा तो राशन कैसे आई। इस महंगाई में लोग देश, विदेश अपने घर परिवार के छोड़, जीवन यापन करने चले गये हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार नया फार्मूला जारी किया है कि, सभी कार्ड धारकों को बिना ई-केवाईसी के राशन नहीं मिलेगा। वहीं अल्ताफ रजा हसुवापारा की बेगम साहिबा जहीरा प्रातः काल अपने सौहर से फोन पर बताया कि कोटेदार कहत हैं कि, अपने सौहर का बुलाई लेव ई-केवाईसी कराई लेव नहीं तो राशन, न मिली। इतने में सौहर बोल पड़े अभी हाल ही मा हम हिंया आयन हैं। मजदूरी लाग है साहब न देंय छुट्टी तो हम घर कैसे आईब। वीर सिंह पुरवा दाखिला रुकनापुर विनोद परिवार के भरण पोषण करने के लिए मजदूरी मेहनत करने परदेस में थे की, उसकी अर्धांगिनी निशा देवी फोन पर बताया की भैया के पापा कोटेदार ने ई-केवाईसी न कराने पर नाम काटने की बात कह कर डरा दिया है। इसलिए अब घर वाले उसे लौट आने का दबाव बना रहे हैं। इतने में बंजरिया निवासी विश्वनाथ बोल पड़े हमहू अपने लड़का का मुंबई से बुलवाई ली ई-केवाईसी करवाय ली,
यही व्यथा अल्ताफ रजा व विनोद की नहीं बल्कि प्रदेश कमाने गए पयागपुर क्षेत्र के करीब 50 हजार से अधिक लोगों का है, जो गांव में बीवी और बच्चों को छोड़कर महानगरों में कमाई करने गए हैं। राशन कार्ड से नाम न कट जाए इसलिए अपने घर लौट रहे हैं।
3 लाख 5911 कार्ड धारकों में अभी तक 55% ई-केवाईसी हो पाई है। प्रत्येक घर के एक या दो सदस्य प्रदेश में मजदूरी मेहनत करने चले गए हैं। फिर भी उनका लाभ परिवार के लोग पा रहे थे। वहीं अब
पूर्ति विभाग से गरीब कल्याण अन्य योजना का लाभ ले रहे प्रत्येक लाभार्थी के सत्यापन के लिए चल रही ई-केवाईसी अभियान में खराब नेटवर्क के साथ अधूरे आधार का बाधा लग गया है। लगातार दो माह से चल रहे अभियान में अब तक लाखों लोगों की ई-केवाईसी हो पाई है। शेष 1 लाख से अधिक लोग बाकी हैं। अधिकारियों की लाख कोशिश के बावजूद यह अभियान परवान नहीं चढ पा रहा है। कारण कहीं नेटवर्क नहीं रहता है तो कहीं लाभार्थियों के आधार में गड़बड़ी है। जिससे उनका अंगूठा नहीं लग पा रहा है। पयागपुर के सहस्ररावा गांव में पीडीएस विक्रेता रचना देवी के पति दीपक कुमार लाभार्थियों, का ई-केवाईसी करने के लिए सुबह से ही बैठ जाते हैं। एक के बाद एक कार्ड धारक का ई-केवाईसी कर शासन के मंशा को सरकार करने में लगे हुए हैं।
इस बारे में जब पूर्ति निरीक्षक पयागपुर ललित कुमार पाठक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लाभार्थियों के सत्यापन के लिए कोटेदारों की जरिए ई-केवाईसी कराई जा रही है। जिसमें सभी पात्र को सरकार की तरफ से मिलने वाला खाद्यान्न मिलता रहे।
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