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Sunday, February 9, 2025 8:57:09 PM

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दिल्ली के व्यापार पर वायु प्रदूषण का प्रभाव

दिल्ली के व्यापार पर वायु प्रदूषण का प्रभाव

रिपोर्ट : दीपक कुमार त्यागी 

स्वतंत्र पत्रकार

 

प्रवीन खंडेलवाल, सांसद चांदनी चौक एवं राष्ट्रीय महामंत्री , कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का वक्तव्य

 

दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुद्दा दिल्ली के व्यापार को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। वायु प्रदूषण और इसे नियंत्रित करने के लिए लगाए गए प्रतिबंध व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं, जिससे दिल्ली के व्यापारियों को लगभग 20% व्यापार हानि का सामना करना पड़ेगा। यह व्यापार के लिए एक बड़ा नुकसान है।

 

बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण उपभोक्ता भीड़भाड़ वाले बाजारों में जाने से बचते हैं, जिससे बाजारों में ग्राहक संख्या में भारी गिरावट है। ऑड-ईवन योजना और वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध जैसे कदम व्यावसायिक क्षेत्रों तक पहुंच को सीमित कर देते हैं, जिससे व्यापार पर सीधा प्रभाव पड़ता है। डीजल वाहनों, खासकर ट्रकों पर लगाए गए प्रतिबंध आपूर्ति श्रृंखला को बाधित करते हैं, जिससे माल की बाजारों तक पहुंचने में देरी होती है और लॉजिस्टिक्स लागत बढ़ जाती है। यह स्थिति माल और सेवाओं की आपूर्ति पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है क्योंकि दिल्ली देश का सबसे बड़ा वितरण केंद्र है। अन्य राज्यों से हजारों ट्रक दिल्ली में माल लाते हैं और इसी प्रकार उतनी ही संख्या में ट्रक दिल्ली से अन्य राज्यों में माल की आपूर्ति करते हैं।

 

चांदनी चौक, करोल बाग, लाजपत नगर, कनॉट प्लेस, साउथ एक्सटेंशन, सदर बाजार, कमला नगर, पीतमपुरा जैसे बाजारों में छोटे और मध्यम व्यापारियों को ग्राहक संख्या में कमी और आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं के कारण राजस्व में भारी गिरावट का सामना करना पड़ेगा। वहीं, त्योहारी और शादियों से जुड़े व्यापार, जो अपने चरम बिक्री समय पर निर्भर रहते हैं, उन्हें भारी नुकसान होता है क्योंकि प्रदूषण प्रतिबंध अक्सर इन्हीं पीक पीरियड के दौरान लगाए जाते हैं।

 

व्यवसायों को अपने कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए एयर प्यूरीफायर, मास्क और अन्य उपायों पर अतिरिक्त लागत उठानी पड़ती है।

 

वाणिज्यिक वाहनों पर प्रतिबंध के कारण व्यापारियों को उच्च परिवहन लागत का सामना करना पड़ता है। प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याएं कार्यबल की दक्षता में कमी और अनुपस्थिति को बढ़ाती हैं, जिससे उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दिल्ली के श्रमिक वर्ग में एक बड़ा हिस्सा प्रवासी श्रमिकों का है, जो खराब जीवन परिस्थितियों के कारण अक्सर शहर छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं।

 

सरकार को व्यापार संगठनों को निर्णय-निर्माण प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए ताकि ऐसे संतुलित नीतियां बनाई जा सकें जो व्यवधान को न्यूनतम करें। ईको-फ्रेंडली कार्गो समाधान जैसे इलेक्ट्रिक ट्रकों की शुरुआत करके आपूर्ति श्रृंखला संचालन को बाधित होने से बचाया जा सकता है। प्रभावित व्यवसायों को वित्तीय सहायता या कर राहत प्रदान करके उनके नुकसान को कम किया जा सकता है।

 

दिल्ली का व्यापार क्षेत्र, विशेष रूप से छोटे व्यापारी, वायु प्रदूषण और नियामक प्रतिबंधों के दोहरे बोझ से सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है। इस गंभीर मुद्दे को हल करने के लिए सरकार और व्यापार समुदाय के बीच सामूहिक प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं।

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