लुंबिनी, 10 जनवरी : बहराइच, उत्तर प्रदेश: बहराइच जिले के उभरते और प्रतिभाशाली युवा साहित्यकार कामरान को ‘हिंदी आशु काव्यश्री सम्मान’ से नवाजा गया है। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन, नेपाल द्वारा आयोजित ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय हिंदी आशु काव्य लेखन प्रतियोगिता में उनकी उत्कृष्ट कविता के लिए प्रदान किया गया। इस आयोजन का उद्घाटन 10 जनवरी 2025 को नेपाल के लुंबिनी क्षेत्र में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर हुआ, और इस दौरान 478 हिंदी रचनाकारों ने प्रतियोगिता में भाग लिया था।
कामरान, जो महज़ 15 वर्ष के हैं और वर्तमान में बहराइच के जवाहर लाल राष्ट्रीय इंटर कॉलेज, नवाबगंज में कक्षा 9 के छात्र हैं, उन्होंने अपनी काव्य रचनाओं के माध्यम से हिंदी साहित्य में एक नई पहचान बनाई है। उनकी कविता में गहरी सोच, समकालीन मुद्दों पर सटीक दृष्टिकोण और मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति मिलती है, जिससे उनकी रचनाओं को विशेष रूप से सराहा गया है।
प्रतियोगिता में शामिल 478 रचनाकारों में से 120 को ‘हिंदी आशु काव्यश्री सम्मान’ से नवाजा गया, और कामरान का चयन इस सम्मान के लिए उनकी विशिष्ट काव्य शैली और लेखनी की गुणवत्ता के आधार पर किया गया। नेपाल, भारत, ऑस्ट्रेलिया, कुवैत और अमेरिका सहित विभिन्न देशों के रचनाकारों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जो हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और देवनागरी लिपि के संरक्षण के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष आनंद गिरी मायालु ने इस अवसर पर कहा, “कामरान की कविता ने हिंदी साहित्य के प्रति हमारे विश्वास को और मजबूत किया है। उनकी लेखनी से यह स्पष्ट होता है कि वे न केवल एक अच्छे कवि हैं, बल्कि समाज और साहित्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी को बखूबी समझते हैं। हम कामरान के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं और उनकी काव्य यात्रा को सराहते हैं।”
कामरान के लिए यह सम्मान उनके साहित्यिक सफर की एक और बड़ी उपलब्धि है। इससे पहले भी उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मान प्राप्त किए हैं, जिनमें ‘विश्व हिंदी गौरव सम्मान 2025’, ‘स्वर्णिम महाकुंभ सृजन सम्मान’, ‘अटल स्मृति सम्मान 2024’, ‘निराला काव्य रत्न 2024’ और ‘विचारक्रांति मानवता सम्मान’ जैसे प्रमुख सम्मान शामिल हैं।
यह सम्मान केवल कामरान के व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम नहीं है, बल्कि उनकी कठिनाइयों और संघर्षों का भी प्रतीक है। आर्थिक चुनौतियों के बावजूद उनका आत्मविश्वास और मेहनत उन्हें इस मुकाम तक लेकर आई है। उनका यह सम्मान उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो जीवन में कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
कामरान न केवल साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि वह अपने जीवन में भी समर्पण और संघर्ष के प्रतीक बने हुए हैं। वे प्रवाह साहित्य मंच के संयोजक भी हैं, जो साहित्यिक प्रतिभाओं को मंच प्रदान करता है। कामरान की कविताओं में समाज, मानवता और संस्कृति का सुंदर चित्रण देखने को मिलता है, जो उन्हें और भी विशेष बनाता है।
इस सम्मान के साथ-साथ कामरान की कविता का चयन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साझा काव्य संग्रह “सबसे प्यारी मेरी हिंदी” में प्रकाशित करने के लिए भी किया जाएगा, जो हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस काव्य संग्रह के माध्यम से दुनिया भर के रचनाकारों की कविताएँ एक साथ प्रस्तुत की जाएंगी, जो हिंदी साहित्य के समृद्धि को और बढ़ाएगा।
कामरान की इस उपलब्धि ने बहराइच जिले का नाम न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। उनका यह सम्मान बहराइच के साहित्यिक आकाश में एक नई चमक के रूप में उभरा है, जो युवा पीढ़ी को साहित्य और लेखन के प्रति प्रेरित करेगा। उनके इस सम्मान ने यह भी सिद्ध कर दिया है कि अगर मेहनत और समर्पण हो, तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
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