भगवान राम की दिव्यता में माता कौशल्या का तप (27 सितम्बर, सन 1942 को गाजियाबाद जिले के ग्राम खुर्रमपुर- सलेमाबाद में, एक विशेष बालक का जन्म हुआ जो बचपन से ही जब भी यह बालक सीधा, श्वासन की मुद्रा
अक्षरबोधि न होने पर भी पूर्व जन्मों की स्मृति के आधार पर ब्रह्मचारी कृष्णदत्त जी ने किया,भगवान राम के दिव्य जीवन का साक्षात् वर्णन
