- बर्दिया गांव के नामी तस्करों द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही खाद की तस्करी
- हजारों बोरी यूरिया व डीएपी अब-तक हो चुकी पार
मिहींपुरवा ( बहराइच)कोविड 19 वैश्विक महामारी के कारण भारत नेपाल सीमा सील होने के बाद भी सीमा पर तस्करी थमने का नाम नही ले रही है। थाना सुजौली व मुर्तिहा क्षेत्र अंतर्गत बर्दिया, फ़क़ीरपुरी, रमपुरवा और निशानगाड़ा से खाद की तस्करी जोरों पर है। सीमा से सटे इन गांवों के तस्कर सक्रिय हैं।
थाना सुजौली का बर्दिया, रमपुरवा व फ़क़ीरपुरी गांव भारत नेपाल सीमा पर बसा हुआ है। इसी का फायदा इन गांव के कुछ नामी तस्कर जो नेपाल से भारी प्रतिशत कमीशन पर दिनोंरात चोरी छिपे तस्करी का माल पार करते हैं। वहीं इन दिनों धान की फसलों के लिए नेपाल में खाद की किल्लत है तो तस्कर भी इस बात को लेकर सक्रिय हो गए हैं और बड़े पैमाने पर खाद की तस्करी शुरू कर दी है। जिससे नेपाली किसानों की फसलें लहलहा रही हैं जबकि भारतीय किसान खाद की किल्लत झेलने पर मजबूर हैं। नेपाल में यूरिया व डीएपी खाद चार से पांच गुना अधिक कीमत पर तस्करों द्वारा बेची जा रही हैं। बर्दिया गांव के कुछ नामी तस्कर गांव में ही खाद को डंप करते हैं जिन्हें दर्जनों हाकर साइकिल के माध्यम से चोरी के कई रास्तों से नेपाल पार कर देते हैं। सूत्रों के मुताबिक तस्कर जंगल के कई पगडंडियों से होकर खाद व तस्करी का अन्य सामान नेपाल पार करते हैं जिनमें नेपाल का कोठियाघाट, धनौरा व रमपुरवा का रास्ता तस्करों का खास है। सुजौली क्षेत्र के बरखड़िया, चहलवा, सुजौली व चफरिया के दुकानदार तस्करों को मुंह मांगी मात्रा में खाद देने में सक्षम है। तस्करों द्वारा इन जगहों से दिनों रात टैम्पो, पिकअप व मोटरसाइकिल से बिछिया बैरियर होते हुए खुलेआम खाद की ढुलाई जारी है। तस्कर किसानों की खेतौनी व फर्जी किसानों के नाम का प्रयोग कर खाद की तस्करी धड़ल्ले से कर रहे हैं। वहीं मुर्तिहा कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत निशानगाड़ा के भी तस्कर सक्रिय हैं उनके द्वारा भी खाद की तस्करी का काम जोरों पर किया जा रहा है। जबकि सीमा पर तैनात शसस्त्र सीमा बल व स्थानीय पुलिस भी तस्करी को रोकने में नाकाम साबित हो रही। इस मामले में प्रभारी निरीक्षक चौथीराम यादव ने कहा की सीमा पर खाद की तस्करी की जानकारी मिली है जांच कर तस्करों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाई की जाएगी।
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