गोरखपुर : एक साल पहले दस साल की किशोरी को बेचे जाने की वारदात उजागर हुई तमाम बच्चियों को ‘दलदल में जाने से बचा लिया की इस खबर पर पुलिस सक्रिय हुई तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आए। किशोरी को खरीदने वाली महिला को पुलिस ने दबोच लिया और उसने जुबान खोली तो सब दंग रह गए।
जेल जाने से पहले महिला ने पुलिस को बताया कि वह छोटी बच्चियों को खरीदती है और पहले घरेलू काम कराती है और बड़ा होने पर उन्हें रुपये कमाने के लिए ‘दलदल में धकेल देती है। महिला को पुलिस ने जेल भेज दिया है और अब उन दो लोगों की तलाश कर रही है जिन्होंने किशोरी को महिला के हाथ बेचा था ताकि पूरे मामले से पर्दा उठ सके।
बलरामपुर में बेची गई महिला के घर से भाग कर पहले थाने फिर अपने घर पहुंची बच्ची की कहानी पर पहले पुलिस ने विश्वास ही नहीं किया था। मामला गंभीर देख एसएसपी ने जांच एसपी क्राइम को सौंपी थी। अब महिला पुलिस के शिकंजे में आ गई है।
गोरखनाथ के विकास नगर की रहने वाली दस साल की बच्ची 14 अगस्त 2018 को लापता हो गई थी। वह स्कूल से लौट रही थी तभी रास्ते में बाइक सवार दम्पति मिले और घर तक छोड़ने की बात कहते हुए बच्ची को बाइक पर बैठा लिया था। घर न ले जाकर दम्पत्ति ने उसका अपहरण कर लिया था। उन्होंने बच्ची को बलरामपुर जिले के उतरौला थाना क्षेत्र स्थित राजाजोर हल्लानगर गांव के एक घर में उसे बेच दिया था। घरवालों ने उसे खरीद कर घरेलू काम कराना शुरू कर दिया। इधर बच्ची के मां-बाप ने बेटी के गायब होने की सूचना गोरखनाथ थाने में दी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर ली पर उसकी तलाश नहीं की। 13 माह तक दम्पति के चंगुल में रही किशोरी
करीब 13 महीने बाद यानी 26 सितम्बर को वह उतरौला थाने से बरामद हुई। बच्ची ने बताया कि जिस घर में उसे रखा गया था वहां झाडू-पोछा कराने के साथ ही उसकी पिटाई भी होती थी। एक दिन वह घर से किसी तरह से भाग निकली। गांव के बाहर तालाब के पास उसे एक महिला मिली उसको पूरी बात बताई जिसके बाद महिला ने उतरौला थाने पर पहुंचा दिया। बच्ची ने थाने पर अपना नाम-पता और पिता का नाम बताया, पुलिस ने गोरखनाथ थाने के जरिये उसके परिवारीजनों से सम्पर्क किया। इस तरह बच्ची बरामद हुई लेकिन अपहरण करने वाले और बंधक बनाने वालों पर कार्रवाई करने की जगह पुलिस ने पीडि़त परिवार से दूसरी कहानी बताने के लिए कहा। पुलिसवालों ने उसे रेलवे स्टेशन से बरामद दिखा दिया पर उसके पीछे की कोई पड़ताल नहीं की थी।
एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने संज्ञान लिया और पूरे मामले की जांच एसपी क्राइम अशोक कुमार वर्मा को सौंपी। बच्ची से बातचीत और उतरौला थाने की मदद से पुलिस ने शीला नामक महिला बीते दिनों गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
विवेचक राजाराम ने बताया कि शीला ने अपने घर में बच्ची को रखा था। शीला तक बच्ची को जिन लोगों ने पहुंचाया था उनकी तलाश अभी जारी है। राजाराम ने बताया कि पुलिस की जांच में यह पता चला है कि शीला छोटी बच्चियों को खरीदती और उन्हें अपने यहां काम कराती। बच्चियां जब बड़ी हो जाती तब उन्हें गलत धंधे में भी इस्तेमाल करती हैं। अपहर्ता के पकड़े जाने के बाद स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी। सीओ क्राइम प्रवीण सिंह ने कहा कि दम्पत्ति की तलाश की जा रही है। अभी तब जितने लोग मिले हैं बच्ची उनकी पहचान नहीं कर पाई है। एसपी क्राइम अशोक वर्मा ने बताया कि वे इस केस की निगरानी कर रहे हैं। इसमें अभी तक एक महिला की गिरफ्तारी हुई है। महिला की क्या भूमिका थी, बच्ची को किन लोगों ने अपहरण किया था इसकी जानकारी अभी तक उनके पास नहीं आई है। वह इस मामले में बात करेंगे।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






