बलरामपुर जिले : में हत्या के मामले में आठ साल बाद आखिर न्याय मिला। जिला जज सुरेन्द्र सिंह सात लोगों को मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला कोतवाली उतरौला के ग्राम हरिकिसना से सम्बंधित है। वर्ष 2012 में भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट हुई थी। इलाज के दौरान गुलाम गौस की मौत हो गई थी।
उतरौला कोतवाली के ग्राम हरिकिसना निवासी बिस्मिल्ला ने आठ अक्तूबर 2012 को प्राथमिकी दर्ज कराई। आरोप लगाया कि गांव के निजामुद्दीन पुत्र फजल अली से उसका भूमि विवाद चल रहा है। जिस पर न्यायालय ने स्टे दिया है। दिन में करीब साढ़े 11 बजे निजामुद्दीन, मैनुद्दीन, कमालुद्दीन, अली हसन, अकलीम, मो. अली व लाला विवाद भूमि पर दीवार बनाने लगे। वह अपने पुत्र गुलाम गौस व गुलाम रसूल ने जाकर दीवार बनाने से मना किया। जिस पर सभी सात लोगों ने लोहे के सब्बल व लाठी-डंडे मारना शुरू किया। उसके पुत्र गुलाम गौस व गुलाम रसूल को गंभीर चोटें आईं। गुलाम गौस मौके पर बेहोश हो गया। सीएचसी उतरौला में इलाज के लिए भर्ती किया गया। बिस्मिल्ला की तहरीर पर थाने में हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया। इलाज के दौरान जिला अस्पताल में गुलाम गौस की मौत हो गई।
विवेचना के दौरान हत्या की धारा बढ़ाकर पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाहों का बयान दर्ज कराया गया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जिला जज ने सजा सुनाई। शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कुलदीप सिंह ने बताया कि अभियुक्तों को छह हजार रुपए अर्थदंड जमा करना होगा। जुर्माना न अदा करने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
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