बहराइच जिले : में छह वर्ष पूर्व एक किशोरी से हुए रेप मामले में कोर्ट ने दोषसिद्ध होने पर आरोपी को सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्याधीश, पाक्सो, फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के जज अमित कुमार पांडेय ने दोषसिद्ध अभियुक्त पर दस हजार का जुर्माना ठोका है। जिसे अदा न करने पर उसे तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। जुर्माना की सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता को सौंपी जाएगी।
रुपईडीहा थाने के एक गांव निवासिनी 14 वर्षीय किशोरी जो मूक बधिर है, 27 सितम्बर 2014 को गांव के बाहर शौच को गई थी। वहां उसके साथ रुपईडीहा थाने के सहजना गांव निवासी इशरी पुत्र खरभन ने रेप की वारदात की। इसी दौरान शौच को गई किशोरी की बुआ को देखकर इशरी मौके से फरार हो गया। किशोरी के पिता ने इस मामले में अगले दिन थाने में तहरीर दी। पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। 8 अक्तूबर 2014 को पीड़ित पिता एसपी से मिला। एसपी के हस्तक्षेप पर उसकी तहरीर पर रेप व पाक्सो अधिनियम में इशरी को नामजद कर केस दर्ज किया गया। किशोरी का पुलिस ने मेडिकोलीगल कराया। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया और जज को बताया कि किशोरी मूक बधिर है। जिस पर मूक बधिर विधालय की प्रधानाध्यापिका को बुलाया गया।
उन्होंने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया कि मानसिक रूप से किशोरी का विकास न होने से वह इशारों से बात समझकर उत्तर दे सकती है। पुलिस ने तहकीकात के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने गवाहों के बयान सुने। बुधवार को न्यायालय विशेष न्यायाधीश, पाक्सो एक्ट, फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के जज अमित कुमार पांडेय ने बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट मुन्नू लाल मिश्र के तर्कों को सुना। इस मामले में आरोपी इशरी को दोषसिद्ध पाए जाने पर जज ने उसे सात वर्ष के सश्रम कारावास व दस हजार के अर्थ दंड की सजा सुनाई है। जुर्माना की सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता को सौंपी जाएगी।
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