बहराइच। विकास खण्ड चित्तौरा अन्तर्गत श्यामपुर नदौना विद्यालय परिसर में आयोजित किसान पाठशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द चैहान ने कहा कि किसानों को अपनी आय दूना करने के लिए कृषि को व्यवसाय के रूप अपनाकर उसके विपणन के लिए व्यापारी बनना होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवसाय में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन, उत्पादन की लागत में कमी तथा तैयार माह को अच्छे दामों पर बेचने से ही अच्छा मुनाफा हासिल होता है। इसलिए किसानों को खेती के समय वैज्ञानिक विधि से उन्नतशील तरीके से खेती करनी होगी साथ ही अपने उत्पाद को अच्छे बाज़ारों तक पहुॅचाना होगा। श्री चैहान के किसानों को यह भी सुझाव दिया कि आय में इज़ाफे के लिए खेती के साथ-साथ औद्यानिक खेती तथा कृषि आधारित उद्योगों को भी प्रमुखता के साथ अपनाये। श्री चैहान ने किसानों को सुझाव दिया कि खेती के समय लागत को कम करने के उद्देश्य से मृदा परीक्षण के अनुसार ही संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें। बुआई करते समय अनुकूल समय, बीज शोधन तथा अच्छे फसल चक्र का चुनाव करते समय भूमि की उर्वरा शक्ति का भी अवश्य ध्यान रखें। उन्होंने सभी किसानों को बेहतर सिंचाई प्रबन्धन अपनाने का सुझाव देते हुए कहा कि आज कई ऐसी तकनीक विकसित हो चुकी हैं जिससे कम पानी का उपयोग कर अधिक से अधिक भू-भाग की सिंचाई कर अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है। श्री चैहान ने किसानों को पशुपालन अपनाने की भी सलाह दी ताकि उन्हें दूध से तो आमदनी हो, साथ ही खेतों के लिए जैविक खाद का भी प्रबन्ध हो सके। किसान पाठशाला को सम्बोधित करते हुए कृषि वैज्ञाानिक डाॅ. राम लखन प्रजापति व डाॅ. एस.पी. सिंह ने किसानों को कृषि अवशेष न जलाने के सुझाव के साथ-साथ फसलों में लगने वाले रोग-कीट प्रबन्धन, आय में बढ़ोत्तरी के उपाय, गेहूॅ, मसूर, दलहन व तिलहन आदि की बुआई करने की विस्तारपूर्वक तकनीकी जानकारी प्रदान की। इसके अलावा अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा भी खेती किसानी के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप निदेशक कृषि डा. आर.के. सिंह ने उपस्थित किसानों को विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। साथ ही कृषि अवशेष प्रबन्धन, समय से बुआई, बीज शोधन, बोआई की विधि, खर पतवार प्रबन्धन, कम्पोस्ट खाद तैयार करने के तरीकों की जानकारी प्रदान करते हुए सभी से अपील की कदापि अपने फसल अवशेषों को खेत में जलायें इससे आपके विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज हो सकती है और अर्थदण्ड भी लगाया जा सकता है। कार्यक्रम के अन्त में बीडीओ चित्तौरा सुशील कुमार श्रीवास्तव ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी सदर राम चन्द्र यादव, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, दुग्ध विकास अधिकारी नत्थू सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी तथा बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
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