बहराइच। भारत को टीबी रोग से मुक्त करने के लिए जिला क्षय रोग विभाग एक बार फिर सघन टीबी रोगी खोज अभियान शुरू कर रहा है। यह अभियान 12 से 24 अक्टूबर 2019 तक संचालित होगा। अभियान में जिले के चार ब्लाकों मे चार लाख लोगों के स्वास्थ्य की जाँच का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए प्रत्येक टीम प्रतिदिन 50 घरों का भ्रमण कर मरीजों को खोजने का काम करेगी। इस दौरान व्यक्ति में टीबी के लक्षण होने पर उसका बलगम, जाँच के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर देगी और टीबी की पुष्टि होने पर उसका तत्काल इलाज शुरू कर दिया जायेगा। यह जानकारी देते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ. संदीप मिश्रा ने बताया कि टीबी रोगी खोज अभियान को सफल बनाने के लिए जिले में कुल 160 टीमें गठित की गयीं हैं। सभी 160 टीमें 32 सुपरवाइजरों की निगरानी में कार्य करेंगी। सभी टीमें घर-घर जाकर टीबी मरीजों की खोज करेंगी। उल्लेखनीय है कि विगत माह जून में संचानित किये गये अभियान के दौरान कुल 76 क्षय रोगी खोजे गये थे, उन सभी मरीजों का तत्काल इलाज शुरू कर दिया गया था। डाॅ. संदीप मिश्रा ने बताया कि 12 अक्टूबर से संचालित होने वाले अभियान के जनपद के चार ब्लाकों कैसरगंज, शिवपुर, पयागपुर व बाबागंज की 04 लाख आबादी को लक्षित किया गया है। अभियान के दौरान जो भी संदिग्ध मरीज़ मिलेंगे, टीम मौके पर ही मरीज़ के बलगम का नमूना लेगी। उसके बाद दूसरी सुबह खाली पेट उस मरीज के बलगम का दूसरा नमूना लिया जाएगा, जिसकी जांच जिला टीबी यूनिट में की जाएगी। मरीज़ में टीबी रोग की पुष्टि होने के बाद मरीजों का निःशुल्क उपचार शुरू होगा। इसके साथ ही यदि कोई प्राइवेट चिकित्सक, आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता किसी टीबी के संदिग्ध मरीज को रेफर करता है तो उनको प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के साथ्ज्ञ-साथ क्षय रोगियों को पौष्टिक आहार के लिए प्रतिमाह रू. 500=00 दिये जाने का भी प्राविधान है। डाॅ. मिश्रा ने बताया कि अभियान के लिए गठित की गयी टीमें अभियान अवधि में प्रतिदिन 50 घरों में जाएगी। दरवाजा खटखटाने के बाद टीम अभिवादन करने के साथ बताएगी कि हम लोग स्वास्थ्य विभाग से आए हैं। इसके बाद टीम घर के हर सदस्य से बात करके यह जानकारी जुटाएगी कि घर में किसी को 15 दिन से बुखार या खांसी तो नहीं है। बलगम में खून तो नहीं आ रहा है या फिर सीने में दर्द और वजन तो नहीं गिर रहा है। यह सभी लक्षण होने पर टीम बलगम का सेंपल लेगी और उसकी जांच भी कराएगी। यदि जांच में टीबी पाई गई तो मेडिकल सुपरवाइजर उस घर पर जाकर टीबी का उपचार शुरू करेगा। जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ. संदीप मिश्रा ने क्षय रोगियों से अपील की है कि समय रहते अपना इलाज करायें ताकि दूसरों में भी यह बीमारी न फैले। उन्होंने बताया कि टीबी का एक मरीज 10 से 15 लोगों को संक्रमित कर देता है, इसलिए टीबी के मरीज के जल्दी पहचान होने के बाद तत्काल उपचार शुरू होना जरूरी है। इस कड़ी में यदि एक भी मरीज़ पहचान हुए बिना रह गया तो कड़ी टूट जाएगी।
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