बहराइच 30 जनवरी। शासन के निर्देशानुसार जनपद के समस्त ग्रामीण व शहरी (यथा ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पालिका व नगर पंचायत) में अस्थाई गौवंश आश्रय स्थल हेतु भूमि का चिन्हाॅकन व भूमि उपलब्ध कराने, अवस्थापना सृजन, अस्थाई गौवंश आश्रय स्थलों पर अन्य सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न विभागों/समितियों के कर्तव्य एवं दायित्वों की समीक्षा के लिए मंगलवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने सभी सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारियों को समन्वय के साथ कार्य करते हुए शासन के निर्देशानुसार सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराये जाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत मे ग्राम स्तरीय समितियों की बैठक करके निराश्रित/बेसहारा पशुओ का चिन्हांकन कर लिया जाये। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिन ग्राम पंचायतों मे ग्राम समाज की भूमि उपलब्ध नही है वहाॅ यदि चारागाह की भूमि उपलब्ध है, तो उस भूमि के 10 प्रतिशत भाग मे अस्थाई गो आश्रय स्थल बनाया जाये शेष 90 प्रतिशत भूमि का उपयोग चारागाह के लिए किया जाये। यहाॅ पर पशुओं केे पीने के लिए पानी की ब्यवस्था हेतु हैण्डपम्प भी लगवाया जाये। आश्रय स्थल पर पशुओं के लिए चारा एवं पानी की किसी प्रकार से कोई कमी नही होनी चाहिए। ग्राम पंचायत स्तर पर चिन्हित किये गये पशुओ की टैगिंग एवं अभिलेखीकरण कर अभिलेख भी सुरक्षित रखे जायें। बैठक के दौरान समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि चारागाहों के चारांे तरफ मनरेगा से टेªंच का निर्माण कराया जाये, जिसकी मिट्टी पर बाड के रूप मे जैट्रोफा एवं करौंदे के पौधों का वृक्षारोपण कराया जाये। इस कार्य में अधिक से अधिक मजदूरांे को लगाया जाये जिससे यथाशीघ्र अस्थाई गो आश्रय स्थलांे को बनाया जा सके। चारागाह के खाली जमीन पर शासनादेश मे वर्णित कलेण्डर के अनुसार हरे चारे की बुआई करायी जाये जिससे पूरे वर्ष हरा चारा उपलब्ध हो सके। समस्त खण्ड विकास अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद बहराइच एवं नानपारा, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत रिसिया एवं जरवल को निर्देशित किया गया कि गो आश्रय स्थलो मे रखे गये गोवंशों की सूचना एवं उनके चारागाह विकास के कार्यो की फोटोग्राफ्स देैनिक रूप से जिलाधिकारी के ह्वाट्सएप पर प्रेषित करें। जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि अपने तहसील क्षेत्र के गो आश्रय स्थलों का दैनिक रूप से निरीक्षण करें तथा यदि कोई समस्या हो तो अपने स्तर से उसका निस्तारण भी सुनिश्चित करायें। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया गया कि आगामी बैठकों में लोक निर्माण, सिंचाई, वन, कृषि, नेडा, समाज कल्याण व पंचायतीराज विभाग के अधिकारियांे को भी आमंत्रित किया जाय। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को यह भी निर्देश दिया गया कि अपने अधीनस्थ पशु चिकित्साधिकारियो के माध्यम से गो आश्रय स्थलो में नियमित भ्रमण कर पशुओं की टैगिंग एवं उनके स्वास्थ्य की देखभाल किया जाना सुनिश्चित करायें। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कृषि विभाग से समन्वय स्थापित करके जीरो बजट खेती पर एक कार्यशाला का आयोजन कराये जिसमे सभी खण्ड विकास अधिकारी एवं उप जिलाधिकारियों को भी बुलाया जाये। समस्त खण्ड विकास अधिकारी अपने विकास खण्ड अन्तर्गत दैनिक रूप से पकडे गये निराश्रित गोवशों की सूचना अपरान्ह 03.00 बजे तक मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बहराइच को उपलब्ध करायेंगे और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी जनपद की संकलित सूचना से जिलाधिकारी को सायं 04.00 बजे तक अवगत कराना सुनिश्चित करेंगे। सभी उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि शासन द्वारा प्रख्यापित नीति का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करायें। बैठक का संचालन मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बलवन्त सिंह ने किया। इस अवसर मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय, उप जिलाधिकारी नानपारा प्रशिक्षु आईएएस प्रभाष कुमार, उप जिलाधिकारी सदर ज़ुबेर बेग, पयागपुर के डा. संतोष उपाध्याय, महसी के सिद्धार्थ यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी के.बी. वर्मा, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद बहराइच पवन कुमार सहित अन्य अधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी मौजूद रहे।
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