उत्तर प्रदेश /फतेहपुर भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव व् शहरों को पूरी तरह से साफ स्वच्छ बनाने के लिए जगह – जगह कूड़े दान, व् नालियों का निर्माण का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे समूचे भारत को स्वच्छ बनाया जा सके, लेकिन, इस गांव की सूरत को देख कर ऐसा लगता है कि कम जमीनी स्तर पर नही सिर्फ कागजों तक ही हो रहा है,
बताते चलें कि जनपद फतेहपुर के विजुईपुर ब्लाक का आदर्श गांव रह चुका रामपुर जिसकी सूरत देख के ऐसा लग रहा है कि यहाँ पर विकास के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की जा रही है,
आपको बता दें कि रामपुर का मुख्य मार्ग जो किशनपुर से होते हुए इटोलीपुर मोड़ तक जाने वाले रास्ते में कई जगह जलभराव देखने को मिलता है जिसका कारण सड़क किनारे नाली का न बना होना है, जिसकी वजह से हमेसा इन जगहों में पानी भरा रहता है,
गांव के ही अचल सिंह, रामू, हौसला पाल, फूल चंद्र पाल, रमेश, मनोज अग्निहोत्री,शिवचन्द्र, सुरेश, जय सिंह, ने बताया कि कुछ जगह तो नाली चोक पड़ी है और कुछ जगह बनी ही नही हैं,जिससे जलभराव की समस्या बनी रहती है, खास कर बारिस के महीने में सबसे ज्यादा परेसानी होती है, आपको बता दें कि पिछले साल तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने आदर्श गांव का दौरा किया था, जिन्होंने जलभराव को देखते हुए प्रधान प्रतिंनिधि गोपी निषाद को तगड़ी फटकार भी लगाई थी, लेकिन प्रधान पर इस बात का कोई असर नही हुवा, सबसे बड़ी बात ये है कि इस गांव को केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने गोद भी लिया था,लेकिन वह भी गोद लिये गांव को गोद में ही छोड़कर चली गई, हर ग्राम वासी के मन में एक ही सवाल आता है कि आखिर कब जमीनी स्तर पर ये गांव की सूरत बदलेंगी, पथ प्रकाश के बारे में जब गांव वालों से पूंछा गया तो बताया कि सोलर लाइटें तो लगी हुई हैं पर किसी का बैटरा नही है किसी में लाइट नही तो कोई थोड़ी देर जल के बुझा जाती है, गांव के अंदर घुसते ही गांव वालों ने घेर लिया कहा पिछली बार तो कुछ कम हुवा था पर इस बार तो बिल्कुल भी नही हुवा,प्रधान तो कभी गांव ही नही आता, किसी ने शौचालय तो किसी ने आवास का दुखड़ा रोया, अपना छप्पर दिखाते हुए कहा कि क्या हम पात्र नही हैं,क्या प्रधान को हमारा घर नही दिखता,
अब देखने वाली बात ये होगी आखिर कब होगा विकास,अब जबकि लगभग डेढ़ साल का कार्यकाल और बचा हुवा है,
इस बाबत जब प्रधान प्रतिंनिधि गोपी निषाद से बात की गई तो उन्होंने अपनी बयानबाजी करते हुए कहा कि ख़राब हैण्डपम्पों की मरम्मत के लिए विभाग को लिखा गया, है और नाली व् सफाई व्यवस्था के लिये सफाई कर्मी की मांग की गई है,लेकिन आवासों में सुविधा शुल्क की मांग बेबुनियाद है
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