उत्तर प्रदेश /फतेहपुर बारिश के मौसम में मौरंग से भारी कमाई की मंशा से जिले में दो सैकड़ा से अधिक स्थानों पर मौरंग के अवैध डंप किए गए है। बगीचों से लेकर बस्ती के अंदर तक किए गए यह डंप खदान संचालकों के करीबी से लेकर सत्तापक्ष से जुड़े नेताओं के है। अधिकारी जानते हुए भी बिना लाइसेंस वाले डंप पर कार्रवाई करने से हिचकिचा रहे हैं। शासन ने अब तक जारी किए गए सभी डंपिंग के लाइसेंस निरस्त करते हुए नई शर्तो पर लाइसेंस जारी करने के निर्देश दिए जिसमें जिले में अब तक मात्र पांच लाइसेंस जारी किए गए हैं।
मौरंग डंपिग में नियम तो यह हैं कि खदान से पांच किमी के दायरे में किसी तरह का डंप नहीं किया जा सकता, लेकिन रामनगर कौंहन, कोर्रा, दतौली, देवलान संगोलीपुर आदि मौरंग घाटों के आस-पास के गांवों में भारी मात्रा में मौरंग डंप की गई है। बगीचों व ग्रामसमाज की जमीन आदि पर 100 से 200 ट्रक तक मौरंग के ढेर जगह-जगह लगे हुए हैं। यहां तक की शहर के आस-पास भी 50 से अधिक मौरंग के ऐसे डंप हैं जिनका फिलहाल सार्वजनिक रूप से कोई मालिक नहीं है। इतना ही नहीं खनन विभाग भी इन डंप को लेकर अंजान है। 50 नंबर पुल के नीचे आवास-विकास के एक किसान ने डीएम से शिकायत कर कहा है कि उसकी भूमिधरी जमीन पर कोई अज्ञात सैकड़ों ट्रक मौरंग डंप किए हुए है। डीएम ने निर्देश पर एसडीएम ने जांच कराई और मामला सही पाए जाने पर मौरंग सीज कर दी गई।
नए लाइसेंस की यह हैं शर्तें
मौरंग की मात्रा का बाजार भाव से 10 फीसद राजस्व जमानतराशि में जमा करना होगा।
भंडारण से किसी सार्वजनिक जगह, आबादी व हरियाली पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
रेल व सड़क मार्ग समेत किसी सार्वजनिक स्थल से पचास मीटर दूर भंडारण होना चाहिए।
मौरंग खादान स्थलों से पांच किमी की परिधि पर भंडारण नहीं किया जा सकता।
डंप मिलने पर होगी कार्रवाई
जिला खनन अधिकारी सौरभ गुप्ता ने कहा कि यदि कहीं पर सौ घनमीटर से अधिक मौरंग डंप मिली तो कार्रवाई की जाएगी। कहा कि डंपिग के मात्र पांच लाइसेंस जारी किए गए हैं इसके अलावा दूसरी जगह डंपिग मिलने पर मौरंग जब्त करने के साथ जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी
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