लोकसभा चुनाव में तीन चरण के चुनाव हो चुके हैं और चौथे चरण का चुनाव कल होने वाला है. तकरीबन सभी पार्टियों का घोषणापत्र आ गया है, लेकिन बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू का घोषणापत्र अभी तक नहीं आया है. अब सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर मिल रही है कि इस चुनाव में नीतीश की पार्टी घोषणापत्र जारी नहीं करेगी. एक चैनल की खबर के मुताबिक, अयोध्या में राम मंदिर और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के मुद्दे पर नीतीश की पार्टी और बीजेपी में मतभेद है. अगर घोषणापत्र जारी हुआ तो ये मतभेद एक बार फिर सामने आए, ऐसे में बीजेपी का वोट जो जेडीयू को मिलने वाला है, उसका नुकसान जेडीयू को उठाना पड़ सकता है. यही वजह है कि जेडीयू घोषणापत्र जारी नहीं कर रहा है. जेडीयू की सहयोगी बीजेपी ने धारा 370, कॉमन सिविल कोड और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जैसे मुद्दों को अपने घोषणापत्र में रखा है. जेडीयू की इसपर अलग राय है. नीतीश की पार्टी ने धारा 370 की रक्षा करने की कसम खाई और साथ ही राम मंदिर निर्माण का फैसला कोर्ट के हवाले छोड़ दिया. सूत्रों के अनुसार जेडीयू ने घोषणापत्र तैयार कर लिया था जिसे 14 अप्रैल को ही जारी होना था. अब वह इसे टालने के मूड में है. वहीं, इस पूरे मामले पर लालू प्रसाद यादव की आरजेडी का कहना है कि जेडीयू चुनाव में इसलिए घोषणपत्र जारी नहीं कर रही है, क्योंकि ये चुनाव के बाद पलटी मार सकते हैं. आरजेडी ने बीजेपी पर तंज भी कसा है. पार्टी ने कहा है कि बीजेपी को जूडीयू से स्टांप पेपर पर लिखवा लेना चाहिए. विरोधी पार्टी घोषणापत्र जारी नहीं होने को लेकर नीतीश को घेर रहे हैं, लेकिन बीजेपी कह रही है कि कोई मतभेद नहीं साथ मिलककर मोदी को फिर पीएम बनाएंगे. वहीं जेडीयू का कहना है कि नीतीश कुमार ने जिस तरह का विकास बिहार में किया है उससे लगता नहीं है कि घोषणाओं की जरूरत है लोगों को अपने नेता पर पूरा भरोसा है.
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