लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बीच सीटों के बंटवारे पर खींचतान जारी है. एक बार फिर नवादा लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के बीच पेंच फंस गया है. नवादा सीट से बीजेपी की ओर से मौजूदा सांसद गिरिराज सिंह चुनाव लड़ना चाहते हैं तो वहीं सुरजभान सिंह की पत्नी और मुंगेर सीट से मौजूदा सांसद वीणा देवी भी नवादा सीट पर अपना दावा ठोक रही है. वहीं मुंगेर सीट से जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता ललन सिंह चुनावी मैदान में उतरना चाहते हैं. अगर नवादा सीट से एलजेपी चुनाव लड़ती है तो गिरिराज सिंह को बेगूसराय सीट पर लड़ने के लिए भेजा जा सकता है. फिलहाल बेगूसराय सीट खाली है. इस सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले सासंद भोला सिंह का निधन हो चुका है. बेगूसराय सीट पर लेफ्ट पार्टी की ओर से कन्हैया कुमार चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं तो वहीं बीजेपी की ओर से एमएलसी रजनीश कुमार ने अपना दावा ठोक रखा है. जिले के जेडीयू विधायक नरेंद्र सिंह ने कुछ दिन पहले साफ-साफ कहा था कि गठबंधन को हर हाल में स्थानीय नेता को उतारना चाहिए. नरेंद्र सिंह की बात से साफ है कि वह स्थानीय उम्मीदवार के अलावा किसी अन्य को सपोर्ट करना नहीं चाहते हैं. ऐसे में अगर गिरिराज सिंह बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ सकती है. उधर भागलपुर सीट जेडीयू को दी जा सकती है और उसके एवज में अररिया लोकसभा सीट बीजेपी को मिलने की उम्मीद है. यहां से बीजेपी शाहनवाज हुसैन को चुनावी मैदान में उतार सकती है. पहले बने फार्मूले में तब्दीली के बाद अब औरंगाबाद और दरभंगा सीट पर बीजेपी चुनाव लड़ेगी. जबकि, गया और सिवान लोकसभा सीट जेडीयू के खाते में चली गई है. गठबंधन के फॉर्मूले के मुताबिक जेडीयू और बीजेपी 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि एलजेपी के खाते में 6 सीटें दी गई है. वहीं राम विलास पासवान को राज्य सभा भेजा जा सकता है. बता दें कि राज्य में सभी सातों चरणों में मतदान होगा. पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होगा वहीं अंतिम चरण का मतदान 19 मई को है. वोटों की गिनती 23 मई को होगी.
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