जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर, नीतीश कुमार को लेकर दिए अपने बयान के बाद चारों तरफ से घिरते नजर आ रहे हैं. जेडीयू की सहयोगी बीजेपी से लेकर उनकी पार्टी के नेता भी उन पर सवाल उठा रहे हैं. विपक्षी पार्टी आरजेडी ने भी प्रशांत किशोर के बयान पर चुटकी ली है. प्रशांत किशोर ने एक कार्यक्रम के दौरान कह दिया था कि नीतीश कुमार को आरजेडी से गठबंधन तोड़ने के बाद फिर से चुनाव कराना चाहिए था. जेडीयू में प्रशांत किशोर के बयान को लेकर घमासान होता दिख रहा है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज सिंह ने कहा, “प्रशांत किशोर जेडीयू में नए नवेले हैं, उनकी राजनीतिक आयु कम है. जिस समय बीजेपी के साथ जाने का फैसला लिया गया था, उस समय आपका अता-पता भी नहीं था. उस दिन आप कहां थे? आज प्रवचन दे रहे हैं. पार्टी बड़ी होती है, फैसला राज्य हित में लिया गया है. आप लैपटॉप चलाते रहिए, सोशल मीडिया चलाते रहिए. आपकी बात न तो पार्टी के कार्यकर्ता सुनेंगे न जनता सुनेगी”. वहीं बिहार बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने प्रशांत किशोर को आड़े हाथ लेते हुए कहा, “अगर कोई इवेंट मैनेजर और मार्केटिंग मैनेजर, देश के वोटर को कंज्यूमर समझता है, कैंडिडेट को प्रोडक्ट समझता है और पॉलिटिकल पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड समझता है, तो ये उसकी भूल है. इस देश में राजनीति वही कर सकता है, जो जनता के दिलो में बसा हो. नरेंद्र मोदी ने यह साबित किया कि कैसे जनता के दिलो में रह कर राजनीति की जाती है. नीतीश कुमार भी राजनीति में 15 साल से मुख्यमंत्री हैं, उन्होंने जनता के बीच अपना वजूद स्थापित किया है. प्रोपेगेंडा से राजनीति नहीं होती. कांग्रेस ने सिर्फ प्रोपेगेंडा का काम किया वो कहां चली गई यह आप देख रहे हैं.”आरजेडी नेता और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने चुटकी लेते हुए कहा, “प्रशांत किशोर ने जो कहा है वह यहां प्रदेश के हालात को देख कर सही कहा. मुख्यमंत्री ने जनादेश का अपमान किया. महागठबंधन से जीत कर आये थे. महागठबंधन से नाता टूटने के बाद इनको जनादेश में जाना चाहिए. आज जो विकास का ढिंढोरा पिट रहे हैं, अगर ये चुनाव में जाते तो इनको इनकी औकात पता चल जाती.”
गैरों के साथ साथ अपने भी हुए पराये, PK के बयान पर आरजेडी ने ली चुटकी
