राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े एक मामले में सोमवार को नियमति जमानत मिल गई है. सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने लालू समेत उनकी पत्नी और बेटे को जमानत दी.लालू को जमानत मिलने के बाद ये सवाल उठने लगा कि क्या वो जेल से बाहर आ जाएंगे लेकिन जमानत मिलने के बाद भी लालू का जेल से फिलहाल निकलना मुश्किल है और वो चारा घोटाले से जुड़े मामले में सजायाफ्ता हैं और फिलहाल रांची के के एक मामले में वे पहले ही सजायाफ्ता हैं. इसके अलावा भी चारा घोटाले के कई और केस उन पर चल रहे हैं.71 साल के लालू ने अपनी तबियत और गंभीर बीमारियों का हवाला देते हुए कहा था कि उन्हें अपनी बीमारी के बेहतर इलाज के लिए जमानत दी जाए. उन्होंने कहा है कि वे क्रॉनिक किडनी, हर्ट और डायबीटिज समेत करीब 11 गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं लेकिन कोर्ट ने लालू की इस अर्जी को नकार दिया.
देवघर ट्रेजरी मामला (आरसी 64 ए/96)- 23 दिसम्बर 2017 को दोषी करार। 6 जनवरी 2018 को लालू समेत 16 आरोपियों को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई
चाईबासा ट्रेजरी मामला (आरसी 68 ए/96) – 24 जनवरी 2018 को लालू दोषी करार। इसी दिन उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई.
दुमका ट्रेजरी मामला (आरसी 38 ए/96): मार्च 2018 में लालू यादव दोषी करार, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र बरी हुए. 24 मार्च को लालू को 7-7 साल की सजा सुनाई गई. दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी, यानि कुल 14 साल.
लालू प्रसाद यादव और उनका परिवार बेनामी संपत्ति के मामले में पहले से ही भारतीय जांच एजेंसियों के रडार पर है. लालू प्रसाद यादव पर ये भी आरोप है कि उन्होंने अपने और परिवार के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए बेनामी संपत्ति अर्जित की है.
बेनामी संपत्ति को लेकर उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर भी आरोप लगे हैं. इस फेरहिस्त में लालू-राबड़ी-तेजस्वी-तेजप्रताप के साथ-साथ मीसा का भी नाम है. इस पूरे मामले में लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती और दामाद शैलेश कुमार पर भी लगे आरोपों की जांच चल रही है.
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