बिहार में राजनीति का बाहुबल से पुराना नाता रहा है. यहां की राजनीति के साथ-साथ बाहुबल का जुड़ना स्वाभाविक माना जाता है और सफेदपोश बनते ही बाहुबली 'माननीय' हो जाते हैं. ऐसे वक्त में जब पूरे देश के साथ-साथ बिहार में चुनाव होने हैं यहां राजनीति के बाहुबल कनेक्शन और बाहुबलियों की राजनीति में एंट्री को लेकर फिर से बहस और सुगबुगाहट शुरू हो गई है.तीन राज्यों का चुनाव जीत कर कम बैक मोड में आई कांग्रेस इस कड़ी में इस बार आगे दिख रही है और माना जा रहा कि बिहार के तीन बाहुबली इस चुनावी मंझधार को कांग्रेस की ही नईया से पार करेंगे. कांग्रेस में जाने वाले चेहरों में जहां एक का नाम फाइनल हो गया है वहीं दो लोगों के नाम भी लगभग तय हैं ये बात अलग है कि दोनों ने अभी औपचारिक तौर पर इसका ऐलान नहीं किया है. न्यूज 18 आपको बता रहा है उन तीन चेहरों के बारे में जो 2019 के समर को कांग्रेस के सहारे पार कर दिल्ली पहुंचना चाहते हैं.इस कड़ी में पहला नाम मोकामा के विधायक अनंत सिंह का है जिन्होंने न केवल बिहार के मुंगेर से दावेदारी ठोकी बल्कि कांग्रेस से टिकट मिलने की बात कह कर महागठबंधन के ही लोगों को सकते में डाल दिया. अनंत ने रोड शो निकालकर कांग्रेसियों समेत विपक्षियों को भी शक्ति का एहसास कराया. अनंत का बाहुबल बिहार में सर्वविदित है यही कारण है कि जेडीयू से किनारा करने के बाद अब वो दिल्ली तक पहुंचने के लिए कांग्रेस का सहारा ले रहे हैं. माना जा रहा है कि 3 फरवरी को पटना में होने वाली राहुल गांधी की रैली में अनंत कांग्रेस की सदस्यता लेंगे.पप्पू यादव अभी भले ही बिहार में जन अधिकार पार्टी को लीड कर रहे हैं लेकिन माना जा रहा है कि वो जल्द ही कांग्रेस में जा सकते हैं. पप्पू बिहार के मधेपुरा से सांसद हैं तो उनकी पत्नी रंजीत रंजन भी बिहार के सुपौल से ही कांग्रेस की सांसद हैं. दिल्ली के तिहाड़ जेल में काफी वक्त गुजार चुके पप्पू का बाहुबल और अपराध की दुनिया से पुराना नाता रहा है और उनके खिलाफ अभी भी कई मामले चल रहे हैं. बाहुबली की छवि के कारण ही किसी जमाने में पप्पू लालू यादव के करीबी माने जाते थे और उन्होंने पार्टी का उत्तराधिकारी बनने की मंशा भी पाल रखी थी, ये बात अलग है कि उनकी ये मंशा पूरी नहीं हो सकी जिसके बाद उन्होंने खुद को लालू और उनकी पार्टी से अलग कर लिया.लवली आनंद बिहार की राजनीति का जाना पहचाना नाम है. वो वैशाली से सांसद रह चुकी हैं और उनके पति आनंद मोहन को भी बाहुबली राजनेता के दौर पर जाना जाता है. आनंद भले ही अभी जेल में बंद हों लेकिन वो भी शिवहर सीट से सांसद थे और बिहार के सवर्णों की राजनीति का जाना पहचाना नाम है. एक मामले में जेल में बंद आनंद मोहन की राजनीतिक विरासत को फिर से जिंदा करने की कोशिश उनकी पत्नी लवली कर रही हैं. लवली बिहार कांग्रेस के नेताओं से लगातार संपर्क में हैं लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा इसे महज एक शिष्टाचार मुलाकात तक ही कह रहे हैं.हाल के दिनों में बिहार में सवर्ण बिरादरी से आने वाले चेहरों को बड़ी जिम्मेवारी मिली है ऐसे में पार्टी भी ये मान रही है कि लोकसभा चुनाव के पहले जितने सवर्णों को साथ लेेंगे उतना ही फायदा पार्टी को मिलेगा भले ही उसे बाहुबल की छवि से समझौता करना पड़े. बिहार से आने वाले इन तीन बाहुबलियों की कांग्रेस में एंट्री की तस्वीर काफी हद तक राहुल गांधी की पटना में होने वाली रैली के दिन साफ हो जाएगी और सही मायने में उस दिन इन तीनों के दावे और प्रयास का नतीजा भी लोगों के सामने होगा.
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






