तेजस्वी यादव ने एक बार फिर केन्द्र सरकार को अपने निशाने पर लिया है. मंगलवार की रात एक के बाद एक तीन ट्वीट कर बिहार के नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी सरकार की नीतियों को दलितों के विरुद्ध बताया और सुप्रीम कोर्ट द्वारा उच्च शिक्षा में 200 प्वाइंट के रोस्टर को खत्म किए जाने के इलाहाबाद कोर्ट के फैसले को सही ठहराए जाने को अनुचित करार दिया.तेजस्वी यादव ने पहला ट्वीट किया, 'लंबे संघर्ष के बाद उच्च शिक्षा में हासिल संवैधानिक आरक्षण को मनुवादी मोदी सरकार ने लगभग खत्म कर दिया गया है. 200 प्वाइंट रोस्टर के लिए सरकार द्वारा दायर कमज़ोर SLP को सुप्रीम कोर्ट में खारिज कर दिया गया है. अब विभागवार आरक्षण यानी 13 प्वाइंट रोस्टर लागू होगा.'उन्होंने दूसरा ट्वीट किया, 'SC/ST एक्ट की तरह यहां भी सरकार ने धोखा दिया. HRD मंत्री अध्यादेश लाने की बात कर पलट चुके है. सवर्ण आरक्षण चंद घंटों में लाने वाले बहुजनों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं. उच्च शिक्षा के दरवाजे अब बहुसंख्यक बहुजन आबादी के लिए बंद हो चुके हैं. विभागवार आरक्षण बंद कर पुराना नियम लागू करो.'तेजस्वी ने तीसरा ट्वीट किया, 'नागपुरिया ब्रांड मोदी सरकार सामाजिक न्याय विरोधी है. संविधान विरोधी है. दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक और बहुजन विरोधी है. आरक्षण विरोधी है. इन्होंने जांच एजेंसियों और संवैधानिक संस्थाओं का कबाड़ा कर दिया है. ये कट्टर संघी जातिवादी और पूंजीपरस्त लोग देश का बंटाधार कर नफरत बोने में लगे हैं.आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के अप्रैल 2017 में 200 प्वाइंट वाले रोस्टर वाले फैसले को सही ठहराया है. दरअसल इस सर्कुलर के तहत कॉलेज/यूनिवर्सिटी को एक यूनिट माना जाता था, इलाहाबाद कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया था. तब कोर्ट ने कहा था कि विवि नहीं बल्कि विभाग को एक इकाई माना जाना चाहिए. इससे पहले UGC का रोस्टर लागू था जिसमें विवि को एक इकाई माना जाता था.
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा-दलितों के विरुद्ध है BJP सरकार,कर रही है धोखाधड़ी
