बहराइच 28 दिसम्बर। वृहस्पतिवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने कोहरे और धुंध के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाये जाने के उद्देश्य से जनपद के समस्त चीनी मिल प्रबन्धकों एवं भट्ठा स्वामियों को निर्देश दिया है कि संचालित टैªक्टर ट्रालियों पर रिफलेक्टर लगवाये जाने के साथ नियमानुसार इनका संचालन किया जाय। जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबन्धक व सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक की अनुपस्थिति का कड़ा संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि अनुपस्थित अधिकारियों के विरूद्ध परिवहन आयुक्त को पत्र भिजवाया जाय। जिलाधिकारी ने सभी सड़क निर्माण एजेन्सियों को निर्देश दिया कि समस्त ब्लैक स्पाट्स पर दुर्घटना बाहुल्य, हास्पिटल, एम्बुलेन्स, निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र के बोर्ड लगवायें, आईआरसी कोड के अनुसार सुधारीकरण की कार्यवाही कर थर्ड पार्टी आडिट भी कराया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सुधारीकरण के पश्चात सम्बन्धित ब्लैक स्पाट्स पर दुर्घटनाओं का सर्वेक्षण भी कराया जाय ताकि इसके डाटा को अन्य जगहों पर भी उपयोग में लाया जा सके। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि सभी मार्गों पर सड़क प्रयोगकर्ताओं की जानकारी के लिए अस्पताल, स्कूल, ग्राम बाज़ार, भीड़-युक्त आदि से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के संकेत बोर्ड आगामी तीन माह के अन्दर स्थापित करा दिये जायें साथ ही एक्सप्रेस-वे की तरह सभी राजमार्गों पर गति-सीमा के संकेतक बोर्ड लगाये जायें। जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग को निर्देश दिया कि वर्तमान में हेल्मेट एवं सीट-बेल्ट की चेकिंग के लिए निर्धारित दिवस बुधवार के स्थान पर अब अलग-अलग दिन व अलग-अलग स्थानांे पर चेकिंग की कार्यवाही की जाय। ड्रंकन ड्राईविंग पर प्रभावी रोक लगाये जाने के सम्बन्ध में प्रवर्तन की प्रभावी कार्यवाही के साथ-साथ बीपीआर एण्ड डी के मानक के अनुसार ब्रेथ एनालाइज़र की व्यवस्था/कार्मिकों को उचित प्रशिक्षण भी दिलाया जाय तथा दोषी वाहन चालकों के ड्राईविंग लाइसेन्स निरस्त करने की कार्यवाही भी की जाय। सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिलाधिकारी ने ओवरस्पीडिंग पर प्रभावी रोक-थाम के लिए आवश्यकतानुसार स्पीड रडार गन एवं अन्य आवश्यक उपकरणों को प्रयोग में लाये जाने के साथ-साथ ई-चालान की व्यवस्था को लागू करने का सुझाव दिया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया कि एम्बुलेन्स हेल्प लाइन नम्बर 108 के लिए इस प्रकार की कार्ययोजना तैयार करें कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डेन आॅवर में दुर्घटना स्थल के सबसे नज़दीकी सरकारी अथवा प्राइवेट अस्पतालों में ले जाया जा सके। राजमार्गों पर स्थित प्रत्येक प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर घायलों के इलाज के लिए ट्रामा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। शिक्षा विभाग को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक विद्यालय में दो पहिया वाहन से आने वाले विद्यार्थियों को बिना हेल्मेट विद्यालय में प्रवेश निषेध कर दिया जाय। विद्यार्थियों से नियमित अन्तराल पर सड़क सुरक्षा प्रतिज्ञा करायी जाय साथ ही स्कूलों में ‘‘रोड सेफ्टी क्लब’’ का गठन किया जाय। जिलाधिकारी ने परिवहन, पुलिस सहित अन्य विभागों व स्वयंसेवी संस्थाओं से अपेक्षा की कि स्वच्छता अभियान के साथ-साथ यातायात नियमों की जागरूकता के लिए वाल राईटिंग, हैण्डबिल्स, होर्डिंग्स व बैनर इत्यादि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करायें साथ ही सम्पूर्ण समाधान दिवस, चैपालों, शिविरों इत्यादि के अवसर पर भी सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों की जानकारी उपलब्ध करायी जाय तथा स्कूली छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों एवं संकेतों के बारे में भी जागरूक किया जाय। उन्होंने रोडवेज़ बसों के माध्यम से महिला हेल्प लाइन नम्बर 181 का प्रचार-प्रसार कराये जाने का भी निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि ई-रिक्शा के लिए मार्गों का चिन्हाॅकन करने के साथ रोड जाम की समस्या के लिए ज़िम्मेदार बेतरतीब व लावारिस खड़े वाहनों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाय। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय, नगर मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार यादव, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. ए.के. पाण्डेय, पुलिस क्षेत्राधिकारी रिसिया टीएन दुबे, एआरटीओ प्रशासन वीरेन्द्र सिंह व एआरटीओ प्रवर्तन अशोक कुमार, डीआईओएस राजेन्द्र कुमार पाण्डेय, ईओ नगर पालिका पवन कुमार सहित चीनी मिलों के प्रबन्धक, ईंट भट्ठा स्वामी, सड़क निर्माण एजेन्सियों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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