यूपी के बलिया जिले का ऐतिहासिक ददरी मेला इस बार कानपुर के व्यापारी गुड्डन तिवारी के लिए अंतिम मेला साबित हुआ। बेखौफ बदमाशों ने उसे सोमवार की रात पीट पीट कर मार डाला। बीड़ी को लेकर हुए विवाद में बलिया के ददरी मेले के दुकानदार गुड्डन तिवारी (45) की सोमवार की रात बदमाशों ने लाठी-डंडे से पीटकर हत्या कर दी, जबकि पांच लोग घायल हो गए। पुलिस ने मामले में 10-12 अज्ञात पर केस दर्ज कर लिया। पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। ददरी मेले के बेदुआ स्थित बुढ़िया माई मंदिर के पास कानपुर देहात के सिकंदरा थाना क्षेत्र के रोहिणी निवासी गुड्डन तिवारी ने 15 साथियों के साथ खजला की दुकान लगाई थी। बताया जाता है कि मेले के दौरान कुछ लोगों का उसके भतीजे नीरज दीक्षित से विवाद हो गया था। बदमाशों ने उसे देख लेने की धमकी दी थी। सोमवार की रात करीब 12 बजे पांच-सात बदमाश हाकी-डंडा लेकर पहुंचे और गुड्डन से नीरज के बारे पूछा। नीरज के नहीं मिलने पर वे अनाप-शनाप कहते हुए चले गए। दोबारा 10-12 बदमाश नशे में पहुंचे और गुड्डन की पिटाई कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। गुड्डन को बचाने में सिकंदरा थाना क्षेत्र के रोहिणी निवासी विमल तिवारी, विपिन तिवारी, मनोज दीक्षित, डेरापुरा थाना क्षेत्र के हतुआ निवासी छोटू शुक्ला, अमित सैनी घायल हो गए। लोगों के पहुंचने के पहले बदमाश भाग गए। गुड्डन को पुलिसकर्मियों ने जिला अस्पताल पहुंचाया, वहां इलाज के दौरान मौत हो गई। एसपी श्रीपर्णा गांगुली ने कहा कि बीड़ी मांगने को लेकर पहले से चल रहे विवाद को लेकर बदमाशों ने वारदात की है। इसमें गुड्डन तिवारी की मौत हो गई और कुछ लोग घायल हो गए। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। ऐतिहासिक ददरी मेला की ख्याति दूसरे प्रदेशों में भी फैली हुई है। इस मेले में कश्मीर से लेकर राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व उत्तर प्रेदश के तमाम व्यापारी आकर अपनी दुकानें लगाते हैं। इस ऐतिहासिक मेले में इस साल छोटी बड़ी कई घटनाएं हुईं, जिससे मेला अन्य मामलों को लेकर भी चर्चा में आया। सोमवार की देर रात मेले में कानपुर देहात के व्यापारी गुड्डन तिवारी की बदमाशों द्वारा लाठी डंडे से पीटकर हत्या की घटना के बाद ददरी मेले एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। इसकी वजह अभी पुलिस के लिए जांच का विषय बना हुआ है। लेकिन मेले में व्यापारी के साथ मारपीट की वारदात होना भी बड़ी बात है। इससे पूर्व ददरी मेला में चरखी पर से एक युवती की गिरने से मौत हो गई थी, जिसको लेकर तमाम तरह की बातें सामने आयीं। इस हादसे के बाद उक्त चरखी कई दिनों तक बंद रही। लोग उक्त चरखी पर चढ़ना नहीं चाह रहे थे, इन हादसों की वजह चाहे जो हो, लेकिन इस बार ददरी मेले में पहले चरखी से गिरकर युवती की मौत और फिर सोमवार की देर रात कानपुर के व्यापारी की पीटकर हत्या की वारदात होने से चर्चाएं जोरों पर होने लगी हैं। इसके अलावा भी मेले में एक छेड़खानी पर एक युवती द्वारा एक मनचले की चप्पल से पिटाई का वीडियो वायरल होना भी सुर्खियों में रहा। मृतक गुड्डन तिवारी भृगु मुनि के शिष्य दर्दर मुनि के नाम पर लगने वाले ऐतिहासिक ददरी मेले में करीब 18 वर्ष से खजला की दुकान लेकर आता था। इस वर्ष भी अपने साथियों के साथ दुकान लेकर ददरी मेले में आया था। ददरी मेला सकुशल संपन्न हो गया। वह अपनी दुकान को सहयोगियों के साथ गांव जाने के लिए सामान को सहेज रहा था। लेकिन उसे क्या पता था कि उसका यह अंतिम ददरी मेला होगा। मृतक गुड्डन की शादी करीब 15 वर्ष पूर्व राजू देवी के साथ धूमधाम से हुई थी। जिनके दो बच्चे 12 वर्षीय सिब्बू और सात वर्षीय छोटू हैं। मृतक के पत्नी के कंधे पर बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी आ गई। मृतक के भतीजे नीरज के साथ किसकी दुश्मनी थी। आखिर मामला क्या था कि बदमाश नीरज को खोजते हुए दुकान पर पहुंचे और नीरज के नहीं मिलने पर आक्रोशित हो उठे और उसके चाचा को मारपीट कर हत्या कर दी। यह सवाल यक्ष प्रश्न के रूप में लोगों के जेहन में कौंध रहे हैं।
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