पीलीभीत में स्कूल में मीजल्स-रुबेला (एमआर) का टीका लगने के बाद छात्रा की हालत बिगड़ गई। मंगलवार सुबह फिर अचानक पढ़ाई के दौरान उसकी हालत बिगड़ी और वह बेहोश हो गई। आनन-फानन में स्कूल प्रशासन ने छात्रा को जिला अस्पताल भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान छात्रा ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर गलत वैक्सीन लगाने का आरोप लगाया। हंगामे की आशंका के चलते पुलिस को मामले की सूचना दी गई। जानकारी पर सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिटी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। परिवार वालों के पोस्टमार्टम कराने से इंकार करने पर शव परिवारीजनों को सौंप दिया गया।
शहर से सटे गांव चंदोई निवासी फैजुल हक की 11 वर्षीय बेटी जैनब सेंट एलॉयसियस में कक्षा छह की छात्रा थी। परिजनों ने बताया कि सोमवार सुबह स्कूल में एमआर का टीका लगने के बाद दोपहर को जब जैनब घर लौटी तो चक्कर आने के साथ ही उसके पेट में दर्द शुरू हो गया। रात में उल्टी होने के बाद वह घबरा गए। किसी तरह रात गुजरने के बाद मंगलवार सुबह जैनब ने तबियत में सुधार होना बताया जिस पर परिवारीजनों ने उसे स्कूल भेज दिया। यहां करीब साढे़ नौ बजे अचानक फिर तबीयत बिगड़ी और जैनब बेहोश होकर गिर गई। इसे देख आनन-फानन में स्कूल प्रबंधक ने परिजनों को सूचित कर छात्रा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। डॉ. जगदीश ने छात्रा का उपचार करना शुरू किया। हालत बिगड़ती देख कई चिकित्सक मौके पर पहुंच गए। यहां उपचार शुरू होने के कुछ समय बाद छात्रा ने दम तोड़ दिया। इसकी भनक लगते ही इमरजेंसी वार्ड में परिजनों के बीच कोहराम मच गया। रोते-बिलखते परिजनों को देख चिकित्सक दाएं-बाएं होने लगे। हंगामे की आशंका के चलते पुलिस को मामले की सूचना दी गई। जानकारी पर सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. अर्चना द्विवेदी, सीओ सिटी धर्म सिंह मार्छाल, कोतवाल केपी सिंह पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंच गए। परिजनों ने गलत वैक्सीन लगाने का आरोप लगाते हुए टीकाकरण करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। इस बीच पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की बात कही तो परिजन बिफर पड़े और उन्होंने शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। पोस्टमार्टम नहीं कराने की बात लिखित में देने पर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। जैनब की मौत के बाद मामले की जांच पड़ताल के बाद सीएमओ डॉ. सीमा अग्रवाल ने देर शाम प्रेस विज्ञप्ति जारी कर टीके को पूरी तरह सुरक्षित बताया। कहा कि जिले के सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में एक लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण हो चुका है। अभी तक इस तरह की कोई शिकायत सामने नहीं आई है। सीएमओ ने स्पष्ट किया कि जांच पड़ताल में सामने आया है कि जैनब की मौत एमआर टीके से नहीं हुई है। मौत की असल वजह पोस्टमार्टम कराने के बाद पता लग सकती थी।
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