बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह ने मंगलवार को एटा में कहा कि,”जो उनके साथ हुआ, वह नहीं होना चाहिए था. आज पुलिस डिपार्टमेंट ने उनके साथ संकोच किया है. उससे उनकी छाती फट गई है. उनके साथ कोई न्याय नहीं कर रहा है. रजनी जानती हैं कि सुबोध ओवरकान्फिडेंस में रहते थे. पूरी जिम्मेदारी अपने पर लेते थे. वह कहते थे कि जहां तीन की जरूरत होगी, मैं दो से काम चला लेता हूं. जहां एक सिपाही की जरूरत होती है, वहां मैं खुद काम करता हूं.”रजनी बोलीं कि जब चार्ज मिला होता था, वह घर पर खुद नहीं आते थे. कहते थे कि बच्चों को, तुमको देखने का मन कर रहा है, वह सभी को अपने पास बुला लेते थे. वह कहती हैं कि न जाने कितनी गरीब औरतों को उन्होंने घर में वापसी कराई, जिन्हें उनके बच्चों ने निकाल दिया था.रजनी सिंह ने कहा कि,”आज पुलिस डिपार्टमेंट ने उनके साथ संकोच किया है. उससे मेरी छाती फट गई है. उनके साथ कोई न्याय नहीं कर रहा है. उनको मारने वालों को मार के रख दो तब तो न्याय है, वरना कोई न्याय नहीं. ड्यूटी पर उन्होंने अपनी जान गंवा दी. ये पहली घटना उनके साथ नहीं थी. इससे पहले भी दो बार उन्हें गोली लगी थी. ड्यूटी पर गोली खाने का ये तीसरा मामला था.”उधर यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने कहा कि बुलंदशहर में अब हालात काबू में हैं. अभी तक इस मामले में 7 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि अभी तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 4 ही लोगों को हिरासत में लिया गया है.एडीजी ने बताया कि फिलहाल हालात काबू में हैं. उन्होंने कहा कि गोकशी और हिंसा के मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई है. हमारी 6 टीमें अभी छापेमारी कर रही हैं. वीडियो फुटेज, चश्मदीदों के बयान पर ही कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है.एडीजी आनंद कुमार ने बताया कि जांच की जा रही है. किसी भी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी. नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. जो लोग गिरफ्तार हुए हैं उनमें चमन, देवेंद्र, आशीष चौहान, सतीश हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन का नाम सामने नहीं आया है. ये वो लोग हैं जो भीड़ में आगे थे.
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