उत्तर प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों में इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए चलाई जाने वाली मेडिकल मोबाइल यूनिट (एमएमयू) के लिए कंपनी तय हो गई है। पहले चरण में 53 जिलों में मेडिकल मोबाइल यूनिट उतारी जाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। दूर दराज के ग्रामीण इलाकों, जेई-एईएस प्रभावित क्षेत्रों व बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं वाले जिलों तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए जल्द ही मेडिकल मोबाइल यूनिट चलेगी। क्रिया हेल्थ केयर को इसके संचालन की जिम्मेदारी मिली है। इस कंपनी को यूके की एसएसजी स्पेशलिस्ट एम्बुलेंस सर्विस का सहयोग प्राप्त है। एक मोबाइल मेडिकल यूनिट में ड्राइवर, डॉक्टर, फार्मासिस्ट, नर्स, लैब टेक्नीशियन की व्यवस्था रहेगी। इसके माध्यम से प्राथिमक उपचार, संक्रामक व गैर संक्रामक बीमारियों की स्क्रीनिंग, बेसिक लैब टेस्ट आदि की सेवाएं दी जाएंगी। यूनिट में सीएचसी स्तर की लैब भी होगी जो उसी दिन मरीज की जांच करके रिपोर्ट मुहैया कराएगी। यह यूनिट गांव में छह घंटे रुकेगी। यदि मरीज को इलाज के लिए उच्च चिकित्सा केंद्र भेजने की जरूरत होगी तो मोबाइल यूनिट का डॉक्टर उसे रेफर करेगा। प्रत्येक जिले को जिम्मेदारी होगी कि वह रोस्टर बनाकर यूनिट को गांव-गांव भेजे। हर 15 दिन में उस गांव में दोबारा एमएमयू जरूर पहुंच जाए, इसका भी ध्यान रखना होगा। टाटा ट्रस्ट ने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के तहत गोरखपुर के पिपराइच और सिद्धार्थ नगर के उसका बाजार ब्लॉक में मेडिकल मोबाइल यूनिट का संचालन शुरू किया है। टाटा ट्रस्ट और उप्र सरकार के बीच गोरखपुर और सिद्धार्थ नगर के इंसेफेलाइटिस प्रभावित ब्लॉक में मेडिकल मोबाइल यूनिट चलाने का समझौता हुआ था।
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