यूपी में मेरठ जिला जेल से दस महीने में जमानत पर छूटे 2640 मुल्जिमों को तलाशना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। पुलिस की जांच में 55 फीसदी से ज्यादा मुल्जिम अपने घरों से गायब हैं। बाकी अपने रिश्तेदार या फिर परिचित के यहां पहुंच गए। 40 फीसदी इन मुल्जिमों के खिलाफ पुलिस गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी में लगी है। डीजीपी ओपी सिंह ने पत्र भेजकर मेरठ पुलिस से जवाब मांगा कि गायब मुल्जिम कहां हैं, जिसके बाद से पुलिस में खलबली मची है। एसएसपी ने थानेदारों को एक सप्ताह में शातिर मुल्जिमों को तलाश कर जेल भेजने और अन्य मुल्जिमों का सत्यापन करने का निर्देश दिया है। पुलिस का दावा है कि 2640 में से 728 मुल्जिम ऐसे हैं, जिनका आपराधिक रिकॉर्ड बड़ा है। भाडे़ पर हत्या करना और लूट की वारदात करना उनका पेशा है। पुलिस के पास आरोपियों का डोजियर भी है। पुलिस का मानना है कि यह अपराधी बाहर रहेंगे तो अपराध होना तय है। कई जिलों में इनके खिलाफ केस दर्ज हैं। एसएसपी अखिलेश कुमार ने थानेदारों को इन अपराधियों की सूची भेजी है। शातिर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ, क्राइम ब्रांच टीम भी लगाई गई। गायब अपराधियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित करने की तैयारी चल रही है। थानेदारों ने गायब हुए मुल्जिमों के परिजनों से पूछताछ की। जिसमें कई परिवार वालों ने कहा कि जेल जाने के बाद से उनका संपर्क नहीं हुआ। पुलिस ने बताया कि लिसाड़ीगेट व कंकरखेड़ा क्षेत्र में सबसे ज्यादा अपराधी रहते हैं। इन थानाक्षेत्रों में क्राइम का ग्राफ भी सबसे ज्यादा है। जबकि रेलवे रोड और सिविल लाइन में सबसे कम अपराधी रहते हैं। जेल से छूटे अपराधी भी इन थानाक्षेत्र में सबसे ज्यादा संख्या है। लिसाड़ी गेट में 330, कंकरखेड़ा में 199, सरधना में 174, किठौर 147, ब्रह्मपुरी में 138 और सरूरपुर में 121 अपराधी जेल से छूटे हैं।
लिसाड़ीगेट और परतापुर पुलिस बदमाशों को मुठभेड़ के बाद पकड़ रही है। लिसाड़ीगेट के सलमान, इमरान, सरताज, आस मोहम्मद, नौशाद समेत 30 अपराधियों को मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगी। जिसके बाद उनको जेल भेजा। लेकिन घटना होने का सुबूत नहीं दर्शाया गया। जिसके चलते एक-दो महीने ही जेल में यह अपराधी रुके। पैर का जख्म ठीक होने से पहले उनकी जमानत हो गई। शहर क्षेत्र
थाना संख्या
कोतवाली 43
देहलीगेट 50
लिसाड़ीगेट 330
ब्रह्मपुरी 138
परतापुर 97
टीपीनगर 100
रेलवे रोड 20
सदर बाजार 29
लालकुर्ती 28
सिविल लाइन 28
नौचंदी 38
मेडिकल 69
कंकरखेड़ा 199
दौराला 42
पल्लवपुरम 31
देहात क्षेत्र
थाना संख्या
इंचौली 101
गंगानगर 22
भावनपुर 122
सरधना 174
बहसूमा 53
मुंडाली 88
मवाना 102
हस्तिनापुर 46
परीक्षितगढ़ 64
सरूरपुर 121
जानी 117
रोहटा 45
किठौर 147
खरखौदा 119
फलावदा 78
सीनियर अधिवक्ता मांगेराम का कहना है कि सुबूतों के अभाव में इतनी संख्या में मुल्जिम जेल से छूटे है। पुलिस आनन फानन में मुल्जिम को जेल भेज देती है, लेकिन कोई मजबूत साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत नहीं कर पाती। उसके चलते पहले ही पायदान में मुकदमा धड़ाम हो जाता है। आरोपी को आसानी से जमानत भी मिल जाती है।
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