विभिन्न विभागों के साथ समन्यव बनाते हुए अभियान हेतु की गयीं तैयारियां
बहराइच 16 नवम्बर। जनपद में मीजेल्स-रुबैला टीकाकरण अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा तैयारियां लगभग पूर्ण कर ली है। आगामी 26 नवम्बर 2018 से चलने वाले मीजेल्स-रुबैला टीकाकरण अभियान के प्रचार-प्रसार व जनसमुदाय में जागरुकता बढाने हेतु जनपद के सभी ब्लाकों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा स्कूल के बच्चों का अभिमुखीकरण, रैली, धर्मगुरुओं, माताओं एवं अविभावकों के साथ बैठकों का आयोजन किया गया है। यह जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके पाण्डेय ने बताया कि अभियान में अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जनपद में 9 माह से 15 वर्ष तक के तेरह लाख बच्चों को मिजिल्स-रुबैला टीकाकरण से आच्छादित किया जायेगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजीत चंद्रा ने बताया कि मीजेल्स यानी खसरा एक बेहद संक्रामक एवं जानलेवा बीमारी है। इसका वायरस इससे प्रभावित व्यक्ति के खांसने या छींकने से दूसरों में फैलता है। उन्होंने बताया कि 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों और 20 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों के लिए खसरा जानलेवा सिद्ध हो सकता है क्योंकि इसके कारण होने वाली जन्मजात अपंगता, निमोनिया, दस्त और दिमागी संक्रमण की वजह से मृत्यु हो सकती है। उन्होंने बताया कि खसरा एक बेहद संक्रामक रोग है। इससे प्रभावित व्यक्ति खांसने या छींकने से फैलता है, सामान्य तौर पर खसरे के लक्षण हैं। इसके अलावा कान के पीछे और गर्दन में सूजी हुई ग्रंथियां रुबैला के सबसे विशिष्ट चिकित्सीय लक्षण हो सकते हैं तथा चेहरे या शरीर पर गुलाबी लाल दाने या चक्कते व अत्याधिक तेज बुखार, खांसी, नाक बहना और आँखों का लाल हो जाना आदि लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि रूबेला एक वायरस है जो भु्रण और नवजात शिशुओं में जन्मजात दोष, आँखों में ग्लूकोमा या मोतियाबिंद, कान का बहरापन, मंदबुद्धि और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है। रूबेला से गर्भवती महिलाओं में गर्भपात, समय से पहले प्रसव और मृत प्रसव की संभावनाएं बढ़ जाती हैं तथा रूबेला से संक्रमित माता से जन्मे बच्चांे में जन्मजात रूबेला सिंड्रोम विकिसित हो सकता है। उन्होंने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 1 लाख मौतें मीजेल्स-रुबैला के कारण होती हैं। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनील सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा देश के 19 राज्यों में चरणबद्ध तरीके से सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा चुका है एमआर टीकाकरण अभियान से अभी तक 14 करोंड़ लोगों को टीके से पूर्ण प्रतिरक्षित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि खसरा और रूबेला को देश से मुक्त करने के लिए टीकाकरण ही इसका एक मात्र उपाय है।
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