बहराइच 17 नवम्बर। कृषकों को गुणवत्तायुक्त उर्वरक उनकी आवश्यकतानुसार समय से निर्धारित दरों पर सुगमतापूर्वक उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से जिला कृषि अधिकारी राम शिष्ट ने जनपद के समस्त फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिया है कि उर्वरकों की बिक्री विनिर्माता कम्पनी द्वारा उर्वरक की बोरियों पर अंकित दरों/निर्धारित दरों, जो दरें शासन अथवा विनिर्माता कम्पनी द्वारा निर्धारित की गयी है पर ही करें। किसी भी दशा में निर्धारित दर से अधिक दर पर उर्वरकों की बिक्री न की जाय। यदि इसके विपरीत कोई ऐसा प्रकरण पाया जाता है तो दोषी उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध उर्वरक नियन्त्रण आदेश 1985 की धारा 3 का उल्लंघन मानते हुए कार्यवाही तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि उर्वरकों की बिक्री पीओएस मशीन के माध्यम से ही की जाय। साथ ही क्रेता कृषक को पीओएस मशीन से निकलने वाली इनवाइस/बिल अनिवार्य रूप से दिया जाय तथा उर्वरकों का भण्डारण एवं विक्रय उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र (लाइसेंस) में अंकित गोदाम/दुकान की चैहद्दी पर हीं किया जाय। उन्होंने निर्देश दिया कि उर्वरक बिक्री केन्द्र पर स्टाक/रेट बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाया जाय एवं उस पर प्रतिदिन ब्राण्डवार स्टाक एवं दरों का अंकन अनिवार्य रूप से किया जाय तथा खुदरा उर्वरक विक्रेता किसी भी समय उपलब्ध उर्वरकों के प्रत्येक किस्म की एक बोरी से अधिक उर्वरक खुली बोरी में बिक्री हेतु न रखें। इसके अतिरिक्त जिस स्थान पर उर्वरकों का भण्डारण/बिक्री की जाय उस स्थान पर किसी प्रकार के खाने-पीने आदि के सामानों की बिक्री अथवा भण्डारण न करें। उन्होंने निर्देश दिया कि उर्वरक विक्रेता अधिकृत श्रोत से ही उर्वरकों को प्राप्त करेंगे। अधिकृत श्रोत के अतिरिक्त यदि कोई स्टाक पाया जाता है तो उसे अवैध मानते हुए उर्वरक विक्रेता के विरूद्ध उर्वरक नियन्त्रण आदेश 1985 के सुसंगत प्राविधानों के तहत कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। उन्होंने निर्देश दिया कि जिंक सल्फेट, फेरस सल्फेट, माइक्रोन्यूट्रीएन्ट, जैव उर्वरक, लिक्विड उर्वरकों का मुख्य उर्वरक यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी, एसएसपी आदि के साथ इनकी टैगिंग किसी भी दशा में न की जाय। साथ ही कोई भी उर्वरक विक्रेता अपने प्राप्त स्टाक को गैर जनपद में किसी भी प्रकार के उर्वरक की बिक्री नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि निर्देशों के अनुपालन में किसी भी विपरीत परिस्थति पाये जाने पर दोषी उर्वरक विक्रेता के विरूद्ध उर्वरक नियन्त्रण आदेश 1985 के सुसंगत प्राविधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी।
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