बहराइच 13 नवम्बर। जनपद में 06 जून 2018 के पूर्व बेसलाइन सर्वे सूची के आधार ओडीएफ घोषित हो चुके ग्रामों में निर्मित शौचालयों की गुणवत्ता एवं निर्धारित मानक के अनुसार निर्माण, शौचालय की सुरक्षित तकनीक, गतिशीलता, प्रत्येक सदस्यों द्वारा प्रयोग, बच्चों के मल का सुरक्षित निपटान, खुले में मल दृश्यमान न होना, जल भराव, कूड़ा-करकट का इकट्ठा होना एवं सार्वजनिक स्थलों जैसे विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र, पंचायत भवन एवं अन्य स्थलों की साफ-सफाई, कूड़ा निस्तारण हेतु ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन की व्यवस्था तथा स्वच्छता के बारे में सामान्य जन मानस की जागरूकता आदि का अवलोकन कर मूल्यांकन करने के उद्देेश्य से भारत सरकार की विशेष टीम द्वारा 15 नवम्बर 2018 से ओ.डी.एफ. ग्रामों का सत्यापन किया जायेगा। केन्द्रीय टीम द्वारा ओडीएफ घोषित एवं सत्यापित ग्रामों में तीन स्तरों यथा व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामुदायिक तथा व्यक्तिगत स्तर पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थों का प्रबन्धन की स्थिति का जायज़ा लिया जायेगा। यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने जनपद के समस्त सेक्टर अधिकारियों व नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 15 नवम्बर तक सत्यापन बिन्दुओं के दृष्टिगत ग्राम का सत्यापन कराना सुनिश्चित करें। उन्हांेने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि मानक को ध्यान में न रखकर जनपद में कुछ शौचालय सेफ्टी टैंकयुक्त निर्मित कर दिये गये हैं, ऐसे शौचालयों में अलग से एक सोख्ता गड्ढ़ा बनाया जाय जिससे गन्दे जल का समुचित निस्तारण हो सके। साथ ही बेस लाइन सर्वे से छूटे हुए शौचालय हेतु पात्र परिवार भी इन ग्राम में होंगे, ऐसे परिवारों को शौच हेतु बने हुए शौचालयों से साझा करा दिया जाय या मल के उचित निस्तारण/ढकने आदि के बारे में समुचित जानकारी प्रदान की जाय। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रतिदिन निरीक्षण/सत्यापन रिपोर्ट जिला पंचायत राज अधिकारी को उपलब्ध करायी जाय। ताकि जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा प्राप्त रिपोर्ट में कमियों को समेकित करके उसी दिन खण्ड विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) के माध्यम से प्राप्त कमियों का निराकरण कराया जा सके। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा स्वन्त्रत संस्थाओं के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों मंे स्वच्छता के संकेतकों में परिवर्तन की स्थिति मुख्यतः खुले में शौच मुक्त घोषित, सत्यापित एवं ओडीएफ स्थायित्व के मूल्यांकन हेतु राष्ट्रीय वार्षिक ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण (एनएआरएसएस द्वितीय चरण) कराये जाने का निर्णय लिया गया है। एनएआरएसएस द्वितीय चरण का मुख्य उद्देश्य खुले में शौच के व्यवहार में कमी लाना, ओडीएफ स्थिति की स्थिरता एवं ग्रामीण क्षेत्रों की जनसंख्या के अनुसार ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थों का प्रबन्धत सुनिश्चित कराना है।
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