पश्चिमी यूपी के बागपत और शामली जिलों में धर्म परिवर्तन करने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में अब कांधला इलाके में एक बार फिर धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. कस्बे के ही करीब 20 से 25 महिला, पुरुष एवं बच्चों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया है. दलित समाज के दो दर्जन लोगों ने समाज के लोगों के साथ घटी घटनाओं से आहत होकर शामली बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष देवीदास जयंत सहित बौद्ध धर्म अपना लिया है. इस दौरान समाज के दर्जनों लोग मौजूद रहे.बता दें मामला कांधला थाना क्षेत्र के अंबेडकर कॉलोनी का है. जहां पर करीब 20 से 25 लोगों ने हिन्दू धर्म को परिवर्तन कर बौद्ध धर्म अपना लिया है. दरअसल जिन लोगों ने अपना धर्म बदला है, वे सभी लोग दलित समाज से ताल्लुक रखते हैं. इन सभी के साथ-साथ शामली जिले के बसपा पार्टी से रहे पूर्व जिला अध्यक्ष देवीदास जयंत, राजेंद्र कुमार, मीनाक्षी देवी, राहुल तरुण जैन वंशिका, रुमा देवी, रंजनी, सूर्या, सतबीर, सचिन काकरान, हर्षित सहित लगभग दो दर्जन लोगों ने बौद्ध भिक्षु प्रतिभाशिल 22 प्रतिभाओं के साथ दीक्षा दिला कर बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया है.इस मौके पर देवीदास जयंत ने बताया कि पिछले कई वर्षों से समाज के लोगों के साथ कई घटनाएं ऐसी घटी हैं, जिसे समाज पूरी तरह से आहत हुआ है. समाज के लोगों को छुआछूत-भेदभाव की नजरों से देखा जाता है. इसके अलावा कुछ लोगों ने समाज को जातियों के नाम पर बांटने का भी काम किया है. जिन कारणों से दलित समाज को हीन भावना से देखा जाता है.इसके अलावा धर्म परिवर्तन का एक कारण ओर भी बताया जा रहा है. लोगों का कहना है कि हमारे पूर्वज तथागत गौतमबुद्ध, संत रविदास, महात्मा ज्योतिबाराव फूले, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फूले भी बौद्ध धर्म से है. इसीलिए हम हिंदू धर्म छोड़कर फिर से अपने पूर्वजों के धर्म बौद्ध धर्म में वापसी कर रहे हैं. इस दौरान सभी महिला पुरुष एवं बच्चों ने बौद्ध धर्म के रीति रिवाज के साथ बौद्ध धर्म अपनाया. इस दौरान समाज के दर्जनों लोग मौके पर मौजूद रहे. फिलहाल सभी लोगो ने बौद्ध धर्म अपना लिया है और पूर्ण रीति रिवाज से बौद्धधर्म के साथ चल रहे हैं.
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