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Tuesday, March 18, 2025 12:43:54 PM

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एनआईसी व ई-गवर्नेंस सेल के माध्यम से अधिकारी व कर्मचारी बनवायें डिजिटल लाॅकर: डीएम

एनआईसी व ई-गवर्नेंस सेल के माध्यम से अधिकारी व कर्मचारी बनवायें डिजिटल लाॅकर: डीएम

बहराइच 02 नवम्बर। डिजिटल लाॅकर सिस्टम योजनान्तर्गत देश के प्रत्येक नागरिक को अपने से सम्बन्धित अभिलेखों को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखने की व्यवस्था है। जो इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विकसित किया गया है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा चुका है। डिजिटल लाकर का उपयोग कर कोई भी नागरिक अपने सभी महत्वपूर्ण अभिलेखों जैसे मार्कशीट्स, पेन ड्राइव, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेन्स अथवा सरकार द्वारा जारी कोई अन्य पहचान पत्र, पासपोर्ट, जन्म या शादी का प्रमाण पत्र इत्यादि को डिजिटल रूप में सुरक्षित रख जा सकता है। यह सिस्टम मूल दस्तावेजों के साक्षात्कार इत्यादि के लिए साथ ले जाने की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए दस्तावेजों के नष्ट होने/खो जाने की स्थिति मंे काम आयेगा। डिजिटल लाॅकर सिस्टम के उपयोग से डाटा का संचरण एवं संचालन अत्यधिक सुरक्षित हो जायेगा। यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने बताया कि डिजिटल लाॅकर सिस्टम 01 जीबी का व्यक्तिगत स्टोरेज स्पेस उपलब्ध कराता है। डिजिटल लाॅकर खोले जाने के लिए नागरिक के पास मोबाइल नम्बर होना अनिवार्य है। डिजिटल लाॅकर खोले जाने के उपरान्त नागरिक द्वारा अपना आधार नम्बर अपनी सहमति से लिंक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि डिजिटल लाॅकर सिस्टम क्लाउड तकनीक पर आधारित डिजिटल माध्यम से जारी होने वाले प्रमाण पत्रों को सुरक्षित रखने तथा प्रमाणीकरण/सत्यापन की व्यवस्था प्रदान करता है। उन्हांेने बताया कि योजनान्तर्गत अभिलेखों को डिजिटल रूप में संरक्षित रखने की व्यवस्था है। यह सिस्टम मूल दस्तावेजों को साक्षात्कार इत्यादि के लिए साथ ले जाने, खो जाने, नष्ट हो जाने की स्थिति से आजादी प्रदान करेगा तथा डिजिटल लाॅकर सिस्टम के उपयोग से डाटा का संचरण व संचालन अत्यधिक सुरक्षित हो जाता है। साथ ही अभिलेख पूर्णतया सुरक्षित एवं गोपनीय रखे जायंेगे। उन्हांेने बताया कि डिजिटल लाॅकर पर एक बार अपने अभिलेखों को अपलोड करने के बाद नागरिक कहीं से भी किसी भी समय अपने अभिलेखों को इन्टरनेट के माध्यम से अपने डिजिटल लाॅकर से प्राप्त कर सकता है और ऑनलाइन आवेदन के दौरान उन्हें साझा कर सकता है। उन्होंने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर जारी करने वाले विभाग से रियल टाइम बेसिस पर प्रमाण-पत्रों को सत्यापित किये जाने की व्यवस्था है, जिसमें सम्बन्धित विभाग व अधिकारी को सत्यापन कार्य रिपोर्टस समय व धन की बचत के साथ-साथ कागज के उपयोग में भी उल्लेखनीय कमी लाते हुए सरकारी विभागों के प्रशासनिक प्रक्रिया में सुविधा होगी। डाक्यूमेंट/प्रपत्रों के भौतिक प्रति की बाध्यता एवं कठिनाई जारी करने वाले विभागों, प्रमाणित करने वाले विभागों के साथ-साथ आम जनमानस के लिए समाप्त हो जायेगी। जिलाधिकारी ने समस्त विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि डिजिटल इण्डिया अभियानान्तर्गत अपने अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारियों का डिजिटल लाॅकर सिस्टम द्वारा स्वयं एनआईसी एवं ई-गवर्नेंस सेल, बहराइच से सम्पर्क कर बनवाना सुनिश्चित करें। साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि डिजिटल लाॅकर के सम्बन्ध में आम जनमानस को डिजिटल लाॅकर बनवाये जाने हेतु प्रेरित भी किया जाय।

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