नानपारा बहराइच सरकारी धन के बंटरबाट में डाक्टर सोलंकी सहित अन्य कुछ स्टाफ के भी हाथ होने की आशंका। । पहले ए. एन. एम के बैंक खाते में लाखो रुपये ट्रांसफर करना फिर दो बारा उसी ए. एन एम. से उसी रुपये में से कुछ रूपये देकर वसूली कर लेना। मार्च 2017- 2018 में किसी मद का बजट सभी ए.एन एम. बहनों के खाते में दलवा कर और उसमें से हजार रुपये दे देकर पुनः किया गया वसूली। प्रामाण ये है कि अमवा हुसैन पुर में कार्यरत 25 ए.एन.एम हैं सभी कार्य भी करती हैं लेकिन ये रूपये सभी ए.एन.एम के खाते में नहीं डाला गया। कुछ ए.एन.एम को छोड़ दिया गया जिनसे इनको लगा कि सवाल होगा उनको छोड़ दिया गया बाकी सारे ए.एन.एम. बहनों के खातों में पड़े रुपये और जम कर हूई वसूली। हाल ही में अभी हुआ फाइलेरिया प्रोग्राम के बजट के रूपयों की भी हूई बंदरबाट। फाइलेरिया प्रोग्राम 14 दिन का होता हैं और उसमें आशा और ए. एन.एम मिलकर कार्य करती हैं उस कार्य का जो बजट आता उस रूपयों को भी बंदरबाट कर लेते। 2017-2018 में फाइलेरिया प्रोग्राम ए.एन.एम. और आशाओ ने मिलकर जो कार्य किया था उसका पर टीम 1400 रूपये मिला था। मतलब एक ए. एन. एम. के क्षेत्र में छः आशा है तो छः टीम बनी 1400×6= 8400 रूपये आये थे जिसमें ए.एन.एम. की सुपरविजन और आशा के 14 दिन के कार्य का होता हैं। लेकिन डॉ.सोलंकी ए.एन.एम.के खातों में डलवाते तो है पुरा पैसा और सिर्फ 600 रूपया पर टीम देकर बाकी रूपया धमकियाँ देकर पुनः कर लेते वसूली। प्रमाण ये है कि जिनको जानते हैं कि वापसी करने में आनाकानी करेंगे उनके खाते में डालते ही नहीं। बाकी सब से वापसी कर लेते जिसकी रिकार्डइंग हैं। फिर रुपये को बिना किसी अभिलेख में दर्ज कर वापस लेना भ्रष्टाचार और घोटालों का है पक्का प्रमाण हैं। ।
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